logo

CAST की खबरें

माल जाति के लोगों का नहीं बन रहा है जाति प्रमाण पत्र, राज्य की सूची में ही दर्ज नहीं है ये समूह   

हिरणपुर प्रखंड में माल जाति के लोग वर्षों से जाति प्रमाण पत्र के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं। जाति प्रमाण पत्र के अभाव में ये लोग न केवल सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं, बल्कि इनके बच्चों का विद्यालय में दाखिला करने में भी कई अड़चने आ रही हैं।

सभी क्षेत्र में मिले OBC को भागीदारी, जल्द शुरू करायें जातीय जनगणना - ब्रह्मदेव प्रसाद

OBC एकता अधिकार मंच, झारखंड प्रदेश के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन केंद्रीय कार्यालय हरमू, रांची में किया गया।

बिहार की तर्ज पर झारखंड में जातीय सर्वे, आम चुनाव के बाद शुरू होगा काम; SOP जारी

जातीय गणना कराए जाने को लेकर SOP बनाया जाए और कैबिनेट के पास रखा जाए। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद सर्वे का काम शुरू हो सकता है।

नीतीश सरकार ने खत्म किये गये जाति आधारित 4 आयोग, अध्यक्ष व सदस्य भी हटाये गये; क्या है कारण 

आयोगों के सदस्य, अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को पद से मुक्त कर दिया गया है। नीतीश कुमार की नई सरकार की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

अब झारखंड में भी जातीय जनगणना की उठी मांग, सीएम के बयान से सियासी हलचल तेज

बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद अन्य राज्यों में भी जातिगत गणना कराने की मांग जोर पकड़ सकती है। झारखंड में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जिसकी जितनी आबादी,

Budget Session 2022 : जातीय जनगणना अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं: आलमगीर 

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यह राज्य के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। जातीय जनगणना केंद्र सरकार के स्तर से ही कराया जा सकता है। 2011 में केंद्र सरकार ने आर्थिक सामाजिक जनगणना कराई थी

जाति प्रमाणपत्र से हटाया जा सकता है धर्म का कॉलम,  टीएसी की बैठक में हुई थी चर्चा 

जाति प्रमाणपत्र से धर्म का कालम जल्द हटाया जा सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्मिक विभाग को इस पर जांचकर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। इससे संबंधित मांग बीते 27 सितंबर को टीएसी की हुई बैठक में उठी। इसके पक्ष में कांग्रेस के विधायक और टीएसी के

भारत में कब तक पीटे जाते रहेंगे जाति-वर्ण के अलग-अलग ढोल

सामाजिक वर्गीकरण केवल हिन्दू समाज का नहीं है। इसमें दूसरे धर्मावलम्बी भी हैं!

सवाल: राष्ट्रवाद के ईंधन से चल रही भाजपा अचानक जातिवाद के पास क्यों लौट आई

राजनीति के पुराने स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और खुद को ओबीसी का प्रधान चिंतक साबित किया जा रहा है। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा की अनुगूंज भी यही कहती है।

एक लेखक का सुझाव: खोखले जातीय अहंकार से बचिए, सभ्य बनिए

जातीय अहंकार एक तरह की मानसिक बीमारी है। खासकर तब जब आपका जातीय इतिहास वर्चस्व और शोषण का रहा हो।

Load More