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Budget Session 2022 : जातीय जनगणना अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं: आलमगीर 

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रांची: 

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यह राज्य के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। जातीय जनगणना केंद्र सरकार के स्तर से ही कराया जा सकता है। 2011 में केंद्र सरकार ने आर्थिक सामाजिक जनगणना कराई थी। राज्य को जातीय जनगणना खुद से करने ले लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजना पड़ेगा। आने वाले समय में विधानसभा से पारित कराकर भारत सरकार को भेजेंगे।

सुदेश ने उठाया जातीय जनगणना कराने का मामला
आजसू विधायक सुदेश महतो ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से सदन में जातीय जनगणना कराने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के तौर पर पिछले साल ही फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा कोई अन्य जातीय जनगणना नहीं होगी ।कहा कि झारखंड में जातीय जनगणना वक्त और सभी तबके के समेकित विकास तथा हिस्सेदारी के लिए मौजूदा जरूरत है। 

झारखंड हाईकोर्ट के निर्णय का होगा अध्ययन
सुदेश महतो ने कहा कि जनगणना, नीतियां बनाने का एक प्रमुख आधार है। जातीय आंकड़े आरक्षण की सीमाएं भी तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जातीय जनगणना विकास और कल्याण कार्यक्रमों का खाका खींचने में भी महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए जातीय जनगणना आवश्यक है तो सरकार यह निर्णय ले सकती है। जवाब में मंत्री आलम ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय का सरकार अध्ययन करेगी।