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नीतीश सरकार ने खत्म किये गये जाति आधारित 4 आयोग, अध्यक्ष व सदस्य भी हटाये गये; क्या है कारण 

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द फॉलोअप डेस्क 

बिहार में सत्ता परिवर्तन होते ही जाति आधारित 4 आयोगों का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया है। साथ ही इन आयोगों के सदस्य, अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को पद से मुक्त कर दिया गया है। नीतीश कुमार की नई सरकार की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है। मिली खबर के मुताबिक संबंधित मंत्रालयों की ओर से इस संबंध में 2 फरवरी को ही अधिसूचना जारी की गयी है। लेकिन मीडिया को इसकी खबर आज मिली है। हालंकि विभिन्न राजनीतिक दल और संगठनों ने इसे लेकर असंतोष भी जताया है। 

इन आयोग को किया गया समाप्त 

जिन आयोगों का अस्तित्व खत्म किया गया है उनमें महादलित आयोग, अति पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अनुसूचित जाति आयोग के नाम हैं। साथ ही इन आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य और अन्य पदाधिकारियों को भी अंतिम आदेश तक के लिए पदमुक्त कर दिया गया है। मिली खबर के मुताबिक अति पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष नवीन कुमार आर्य और महादलित आयोग के अध्यक्ष संतोष कुमार निराला को पद मुक्त किया गया है। साथ ही उनके चार सदस्यों को भी दफ्तर से हटा दिया गया है। 

इनको किया गया पद मुक्त 

मिली खबर के मुताबिक राज्य अनुसूचित जाति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार और आयोग में पदस्थापित विभिन्न पदों पर विराजमान तीन सदस्यों को हटा दिया गया है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष शंभू कुमार सुमन को उनके कार्यशाला के तीन सदस्यों के साथ पद मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि इन आयोगों का गठन जातिगत समूहों की मांग पर अक्बूटबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच की गयी थी।