द फॉलोअप डेस्क
बिहार के बाद अब झारखंड में भी जातीय जनगणना होगी। सीएम चंपई सोरेन ने इसकी सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को आदेश दिया है कि जातीय गणना कराए जाने को लेकर SOP बनाया जाए और कैबिनेट के पास रखा जाए। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो लोकसभा चुनाव के बाद सर्वे का काम शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि जाति सर्वेक्षण को लेकर सीएम चंपाई सोशल मीडिया एक्स पर बीते दिन एक पोस्ट भी किया था। चंपाई ने लिखा था कि 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। झारखंड तैयार है।
जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)- कांग्रेस-राजद सरकार के विधायक राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कई बार झारखंड विधानसभा में भी इसकी मांग उठाई है। सीएम चंपाई के इस निर्णय से सत्तापक्ष के विधायकों,पूर्व विधायकों और कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। सीएम के इस निर्णय का स्वागत करते हुए पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने उनका धन्यवाद दिया है। पूर्व विधायक ने कहा कि जाति जनगणना की मांग काफी लंबे समय से उठती रही है ताकि झारखंड में भी यह स्पष्ट हो कि किस जाति की कितनी संख्या है और इसी आधार पर हिस्सेदारी तय होनी चाहिए। साथ ही झारखंड में सरकारी सुविधाओं का मिलना तय किया जाना चाहिए। कई नौकरियां में भी इस कारण पेंच पैदा होती रही है। साथ ही यह भी उजागर हो जाएगा की जो समाज पिछड़ा हुआ है उसका हिस्सा किसने खाया है।
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