गिरिडीह के एक व्यक्ति की साउथ अफ्रीकी में मौत हो गई। व्यक्ति की मौत साउथ अफ्रीका के मोजांबिक में हुई है।
द फॉलोअप की टीम जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर ठेठईटांगर प्रखंड के घुटबहार बांडिंग टोली गांव पहुंची। आजादी के 7 दशक बाद भी इस गांव में बिजली नहीं पहुंची।
रांची लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय 6 मई को नामांकन दाखिल करने वाली है। यशस्विनी जुलूस यात्रा निकालकर रांची समाहरणालय जाएगी और अपना पर्चा दाखिल करेंगी।
टेंडर हार्ट के 12 विद्यार्थियों ने भारतीय डाक विभाग द्वारा आयोजित क्विज एवं पत्र लेखन प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए 76 हज़ार रुपये का स्कॉलरशिप प्राप्त किया है।
केंद्र में 50-60 साल तक कांग्रेस की सरकार थी। उसने कभी झारखंड अलग राज्य नहीं बनने दिया। उल्टे अलग राज्य की मांग करने वाले लोगों को खरीद लिया।
रांची की टीम से रिद्धिमा गौतम ने शानदार 132 रन बनाया। वहीं रांची की टीम से शानवी ने शादी गेंदबाजी की। इसके लिए रिद्धिमा को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो शानवी ने 7 रन देकर 6 विकेट झटके।
झारखंड के खूंटी संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा ने खूंटी जिला के अलग-अलग गांवों में जाकर जनसंपर्क अभियान चलाया।
मां ने दुख जताते हुए कहा कि गांव में आज भी सुविधाओं की घोर कमी है पीने की पानी को लेकर हमें लंबे दूरी तय कर जाना पड़ता है। कई बार प्रशासन के समक्ष बातें रखने के बावजूद आज तक गांव में पीने पानी की समस्या को दूर नहीं किया गया है।
दुर्गा सोरेन जी के देहावसान के बाद जब मुझे और मेरी बेटियों को मेरे ही परिवार द्वारा दरकिनार कर दिया गया तब मुझ जैसे अबोध का बाबा जी ही एकमात्र सहारा बने रहे, उनके संरक्षण में मैंने राजनीति का क, ख, ग...सीखा है, मेरी बेटियों ने अपने बाबा जी उंगली पकड़कर चल
रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने कहा कि बीते 10 सालों से देश में बीजेपी की सरकार है। बीजेपी ने सरकार में आने से पहले देश से जो वादे किए थे वह अबतक पूरी नहीं हो पाई है।
पीएम को सुनने के लिए करीब 2 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है। वहीं प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। करीब 3000 से अधिक जवानों की तैनाती वहां की गई थी। SPG और NSG की टीम भी पलामू पहुंच गई है।
सलीमा ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है। कभी हाथ से बने बांस की स्टिक और बॉल से हॉकी खेलना शुरू करने वाली सलीमा ने झारखंड और देश का नाम पूरे विश्व में रौशन किया है।