हिन्दू क्लेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष अर्थात नव संवत्सर प्रारम्भ होने जा रहा है। इसी दिन से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. वहीं महाराष्ट्र में गुडी पडवा भी इसी दिन मनाया जाता है। कहते है की इसे की इसे भारत का नववर्ष भी कहते है।
युवा पत्रकार रोहिण कुमार की पुस्तक लाल चौक का रांची प्रेस क्लब में लोकार्पण हुआ। कवर पेज के मुताबिक पुस्तक दिल्ली और कश्मीर के बीच मुसलसल चल रही जंग की दास्तां है। शरीक पत्रकारों ने किताब के मार्फत कश्मीर, कश्मीरियत और राजनीति की चर्चा की।
भुबन बड्याकर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले हैं। वह टूटे-फूटे घरेलू सामानों के बदले काचा बादाम (मूंगफली) बेचते थे। जब किसी ने इनका वीडियो इंटरनेट में पोस्ट किया तो वह रातों-रात छा गए।
कहते हैं कि नाम में क्या रखा है। लेकिन रोशन तो नाम ही होता है। हमारे आसपास ढेरों लोग होते हैं, जिन्हें हम राजू, गोल्डी, गोलू, बब्ली, पप्पी, रिंकी आदि नामों से पुकारते हैं, लेकिन उनका असली नाम हमें खास मौके पर पता चलता है। फिल्म और राजनीति की दुनिया भी बहु
दिल्ली की टीवी दुनिया को छोड़कर रांची पहुंचे युवा राजीव सिन्हा बरसों से शहर और आसपास की प्रतिभा को रचनात्मकक और कलात्मक शेप देने में जुटे हुए हैं। कडरू के न्यू एजी कॉलोनी में उनकी झारखंड फिल्म एंड थियेटर एकेडमी रंगमंच और फिल्म की चाहत रखने वालों का आशियाना
कोरोना के दंश और दहशत से अब शहर उबर रहा है। जिसकी बानगी आज रांची प्रेस क्लब में दिखी। पत्रकारिता, साहित्य, कला और फिल्म संस्कृति से जुड़ी लगभग सभी अहम हस्तियां मौजूद थीं। मौका था, पत्रकार नवीन शर्मा की बहुप्रतिक्षित पुस्तक फ़िल्मी गीतों का सफ़र के लोक-अर्पण
नीरज नीर के पहले कथा संग्रह- ढुकनी एवं अन्य कहानियां-पर परिचर्चा का आयोजन स्टेशन रोड स्थित प्रभात प्रकाशन में किया गया था।
सियासत से अदब की दोस्ती बेमेल लगती है, कभी देखा है पत्थर पे भी कोई बेल लगती है। आज मशहूर बुजुर्ग शायर मुनव्वर राना को अपना ही यह शेर याद आ रहा होगा। दरअसल आज जब अपने पोलिंग बूथ पर वोट करने पहुंचे तो वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था।
आठ दिवसीय नव लेखन शिविर के पांचवें दिन नाटक पर विमर्श हुआ। आयोजन केन्द्रीय हिंदी निदेशालय नई दिल्ली और राजेंद्र विश्वविद्यालय, बलांगीर(उडीसा) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है।
यह तस्वीर रांची स्थित राजभवन के दरबार हॉल की है। सूबे के राज्यपाल रमेश बैस युवाओं से घिरे हुए हैं। सभी के हाथ में एक प्रमाण पत्र दिख रहा है, जो उन्होंने थाम रखा है। वहीं सभी के चेहरे पर एक अनोखी गर्वाेक्ति है। ऐसा भला क्यों न हो। दरअसल सभी युवा राज्य के अ
प्रेम सबसे नाज़ुक एहसास होता है। छुई-मुई घास जैसा मिज़ाज। अगर प्रेमी युगल में से लडकी को कैंसर हो जाए तो उनकी जिंदगी में कैसा बदलाव आता है। इसे ही पर्दे पर जीवंत करने की कोशिश है-बॉलीवुड हिंदी फीचर फिल्म ‘बिफोर यू डाय।’
झारखंड टैलेंट अवार्ड के दूसरे सीजन के पहले रांची ऑडिशन का आयोजन रहीमन फाउंडेशन ने किया था। इसी मंच के मार्फत महज़ आठ साल में कलर्स टीवी तक पहुंचे रांची के अमन राज ने डांस रियलिटी शो डांस दीवाने में लोगों का दिल जीता था।