logo

लोक-अर्पण : किताब के ज़रिये नवीन शर्मा कराते हैं फ़िल्मी गीतों की सफल यात्रा: मधु मंसूरी

navin1.jpg

रांची:

कोरोना के दंश और दहशत से अब शहर उबर रहा है। जिसकी बानगी आज रांची प्रेस क्लब में दिखी। पत्रकारिता, साहित्य, कला और फिल्म संस्कृति से जुड़ी लगभग सभी अहम हस्तियां मौजूद थीं। मौका था, पत्रकार नवीन शर्मा की बहुप्रतिक्षित पुस्तक फ़िल्मी गीतों का सफ़र के लोक-अर्पण का। महफिल में शरीक विख्यात लोक गायक-गीतकार पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख ने बताया कि जिंदगी के राग-विराग की सबसे प्रभावी अभिव्यक्ति गीतों के माध्यम से होती है। नवीन शर्मा अपनी किताब के जरिये फ़िल्मी गीतों की सफल यात्रा कराते हैं। पुस्तक का लोकार्पण उनके साथ वयोवृद्ध पत्रकार पद्मश्री बलवीर दत्त, साहित्यकार डॉ महुआ माजी, प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा, आर्ट डायरेक्टर प्रभात ठाकुर और लेखक के माता-पिता ने किया।

चार खंडों में 100 गीतकारों की बातें

पत्रकारिता, फिल्म और अध्यापन से जुड़े रहे डॉ सुशील कुमार अंकन ने मौके पर कहा कि नवीन शर्मा खबर लिखते लिखते गानों की तरफ कब मुड़ गए, पता नहीं चला। किताब के माध्यम से उनकी रुचि के बारे में पता चला। इन्होंने बड़े अच्छे ढंग से जानकारियां दी हैं, जिसे एक सांस में पढ़ जाने का मन करता है। 1913 में भारतीय सिनेमा की शुरुआत हुई, 1931 में फिल्मों को आवाज मिली। यहीं से प्लेबैक गीतों की शुरुआत हुई। चार खंडों की यह पुस्तक इन सभी पुरानी व नई जानकारियों से परिपूर्ण है। सुशील अंकन ने कहा कि आजादी के बाद कुछ अच्छे गीतकार पाकिस्तान गए और कुछ भारत में रहे। इस दौर में जिन्होंने खुद को स्थापित किया, वे आज भी सबके अजीजं हैं।

 

पुस्तक में प्रभात के स्केच शामिल
पुस्तक में जिनके स्केच शामिल हैं, आर्ट डायरेक्टर प्रभात ठाकुर बोले कि काम में दम हो तो दुनिया याद करेगी।
राजश्री जयंती ने कहा कि पुस्तक लेखक नवीन शर्मा ने भूमिका में बेहद रोचक ढंग से बचपन को याद किया है कि किस प्रकार उन्हें फिल्मी गाने आकर्षित करते थे। राजश्री जयंती ने कहा कि पुस्तक लेखक नवीन शर्मा ने भूमिका में बेहद रोचक ढंग से बचपन को याद किया है कि किस प्रकार उन्हें फिल्मी गाने आकर्षित करते थे।

 

इनकी रही मौजूदगी

कार्यक्रम में डॉ अशोक प्रियदर्शी, श्रीनिवास, डॉ माया प्रसाद, मुक्ति शाहदेव, वीना श्रीवास्तव, रश्मि शर्मा, डॉली टॉक, शिल्पी कुमारी, पंकज मित्र, कुमार बृजेंद्र, पीके झा, शम्भूनाथ चौधरी,  सत्यप्रकाश पाठक, नवीन मिश्र, अमित अखौरी, असीत कुमार, कामेश्वर श्रीवास्तव अंकुश समेत सैकडों लोग शरीक रहे।