झारखंड सरकार ने होमगार्डों को पुलिसकर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य भत्ता और प्रशिक्षण भत्ता देने का निर्णय लिया है।
होमगार्ड के वेतन से संबंधित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया।
देशभर में कार्यरत होमगार्ड के जवानों के लिए खुशखबरी है। अब होमगार्ड के जवानों की सेलरी सिपाही के बराबर होगी।
जामताड़ा जिले में कोयला चोर को पकड़ने के लिए एक होमगार्ड जवान रेलवे लाइन पर दौड़ गया। ठीक इसी समय बाघ एक्सप्रेस आ गयी और होमगार्ड इसकी चपेट में आ गया।
दरअसल, जिला समादेष्टा कार्यालय (हजारीबाग) की ओर से होमगार्ड बहाली के लिए विज्ञापन संख्या 1/19 के तहत हजारीबाग जिले में गृह रक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी एवं काफी समय बीत जाने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते होमगार्ड अभ्यर्थ
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में होमगार्ड नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने गृह सचिव को इनकी नियुक्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। साथ ही निर्णय से कोर्ट को भी अवगत कराने को कहा है। मामले में अगली
झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश महासचिव राजीव कुमार तिवारी के नेतृत्व में रांची के विधायक सी.पी. सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की एवं अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन समर्पित किय।
आशा थी कि बतौर होमगार्ड जवान झारखंड पुलिस में सेवा देंगे। झारखंड पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। राज्य और समाज के काम आ सकेंगे। नौकरी होगी तो परिवार की भी देखभाल कर सकेंगे लेकिन नहीं। धनबाद जिला के लिए चयनित 735 होमगार्ड जवान अभी भी नियुक्ति