कोविड-19 की दूसरी लहर में मरने वाले लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का अधिक प्रभाव बच्चों पर होगा। तीसरी लहर से घबराने की जरुरत नहीं है। हम यहां आपको बताने जा रहें हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से आप अपने बच
कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब काबू में आने लगी है। भारत में कोरोना के महज 42 हजार 640 नए मामले सामने आए हैं। इस संख्या को महज लिखने का एकमात्र कारण ये है कि मई के पहले सप्ताह तक भारत में रोजाना 4 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे थे। देश में अब तक 2 करोड
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ये चर्चा काफी आम हो चली थी कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी। इसका आधार ये था कि पहली लहर में ज्यादातर अधेड़ उम्र के लोग प्रभावित हुए थे। दूसरी लहर में प्रभावित होने वाली अधिकांश जनसंख्या युवा वर्ग की थी।
अहमद पटेल के मरहूम हो जाने के बाद थिंक टैंक की जरूरत भी पार्टी महसूस कर रही है।
सदर अस्पताल में कोविड जांच की प्रक्रिया रुक गई है, क्योंकि जांच के लिए जिम्मेवार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से सोमवार सुबह से ही कोविड जांच की प्रक्रिया ठप रही। हड़ताल की वजह कोरोना ड्यूटी में प्रतिनियुक्त दो कर्मचारियों को सदर अस्पताल से उनके
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कोरोना की तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है। इस लहर में कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन बच्चों के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना के तीसरे लहर से निपटने और अस्प
टांडा रोड के साथ लगते मुहल्ला सुभाष नगर के द्वारका भारती घर चलाने के लिए मोची का काम करते हैं। सुकून के लिए साहित्य रचते हैं। भले ही वे 12 वीं पास हैं, पर साहित्य की समझ के कारण उन्हें वर्दीवालों को लेक्चर देने बुलाया जाता है। कई भाषाओं में साहित्यकार इन