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कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए भोजन में ये सब शामिल कीजिए! न्यूट्रिशियनिस्ट ने दिया सुझाव

कोविड-19 की दूसरी लहर में मरने वाले लोगों की संख्‍या भी काफी बढ़ी है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का अधिक प्रभाव बच्चों पर होगा। तीसरी लहर से घबराने की जरुरत नहीं है। हम यहां आपको बताने जा रहें हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से आप अपने बच

India Corona Update: काबू में कोरोना! पिछले 24 घंटे में मिले 42,640 नए मरीज, 1167 मरीजों की मौत

कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब काबू में आने लगी है। भारत में कोरोना के महज 42 हजार 640 नए मामले सामने आए हैं। इस संख्या को महज लिखने का एकमात्र कारण ये है कि मई के पहले सप्ताह तक भारत में रोजाना 4 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे थे। देश में अब तक 2 करोड

Corona Update: बच्चों को नहीं होगा तीसरी लहर का खतरा, WHO और AIIMS ने सर्वे में किया दावा

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ये चर्चा काफी आम हो चली थी कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी। इसका आधार ये था कि पहली लहर में ज्यादातर अधेड़ उम्र के लोग प्रभावित हुए थे। दूसरी लहर में प्रभावित होने वाली अधिकांश जनसंख्या युवा वर्ग की थी।

क्या कांग्रेस में अहमद पटेल के खालीपन को दूर करेंगे प्रशांत किशोर!

अहमद पटेल के मरहूम हो जाने के बाद थिंक टैंक की जरूरत भी पार्टी महसूस कर रही है।

सदर अस्पताल के 250 कर्मचारियों ने किया हड़ताल, रांची में कोरोना जांच प्रभावित

सदर अस्पताल में कोविड जांच की प्रक्रिया रुक गई है, क्योंकि जांच के लिए जिम्मेवार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से सोमवार सुबह से ही कोविड जांच की प्रक्रिया ठप रही। हड़ताल की वजह कोरोना ड्यूटी में प्रतिनियुक्त दो कर्मचारियों को सदर अस्पताल से उनके

रांची: CM हेमंत सोरेन ने 'मैनुअल फॉर प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड थर्ड वेव इन झारखंड' का लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कोरोना की तीसरे लहर की आशंका जताई जा रही है। इस लहर में कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन बच्चों के संक्रमित होने की ज्यादा आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना के तीसरे लहर से निपटने और अस्प

जानिये मोची का काम करने वाले ऐसे लेखक को जो विश्वविद्यालयों में देते हैं लेक्चर! इन पर हो रही है रिसर्च

टांडा रोड के साथ लगते मुहल्ला सुभाष नगर के द्वारका भारती घर चलाने के लिए मोची का काम करते हैं। सुकून के लिए साहित्य रचते हैं। भले ही वे 12 वीं पास हैं, पर साहित्य की समझ के कारण उन्हें वर्दीवालों को लेक्चर देने बुलाया जाता है। कई भाषाओं में साहित्यकार इन

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