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क्या कांग्रेस में अहमद पटेल के खालीपन को दूर करेंगे प्रशांत किशोर!

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द फॉलोअप टीम, दिल्लीे:
इधर के दशक में राजनीति के न केवल अर्थ बदले हैं बल्कि सत्ता की प्राप्ति के तौर-तरीके में भी काफी अंतर आया है। प्रमोद महाजन और अमर सिंह के बारे में कभी कहा जाता था कि वो जिधर हों, पॉवर का रुख उधर ही होता है। अब यह ध्रुव युवा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के ईद-गिर्द घूमता है। 2014 में जब वो भाजपा के साथ रहे, नरेंद्र मोदी के सर ताज चढ़ा। पंजाब में अमरिंदर सिंह की ताजपोशी में भी उनकी भूमिका रही। बिहार में नीतिश कुमार के भी सिपहसालार रहे। इस 2 मई को, जब पांच राज्यों के परिणाम घोषित किए गए, तो प्रशांत किशोर को न महज बंगाल की जीत, बल्कि तमिलनाडु की जीत के लिए भी वाह-वाही मिली। ममता को दोबारा और एमके स्टालिन को पहली बार मुख्यमंत्री बनाने में उनके रोल की हर ओर चर्चा हो रही है। 

राहुल हो जाएंगे अगले प्रधानमंत्री
उनका मोहभंग भाजपा और मोदी से क्यों  हुआ। इसका वो पेशेवाराना ढंग से जवाब नहीं देते, लेकिन अब उनका लक्ष्य है कि किसी प्रकार गैर भाजपा का संयुक्त राजनीतिक गठबंधन बने और एक नाम पर सभी की सहमति बन जाए। कुछ दिनों पूर्व प्रशांत किशोर शरद पवार से क्या मिले, लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए। द फॉलोअप ने आपको खबर बताई भी थी जब उन्होंने कहा कि
राहुल गांधी 2024 में आश्चर्यचकित रूप से प्रधानमंत्री बन जाएंगे। 

कांग्रेस से निकटता का कारण
कभी अहमद पटेल कांग्रेस के सबसे बड़े संकट मोचक माने जाते थे। उनके हर दल में हर प्रमुख नेताओं से अच्छे  रिश्ते रहे। वो गांधी परिवार के काफी निकट भी रहे। राहुल के प्रधानमंत्री बनने वाले प्रशांत के बयान से राजनीतिक गलियारे में चर्चा आम है कि वो कांग्रेस के काफी निकट हैं। अहमद पटेल के मरहूम हो जाने के बाद थिंक टैंक की जरूरत भी पार्टी महसूस कर रही है। 

प्रशांत को क्या मिलेगी जिम्मेवारी
विपक्ष को एकजुट करने के अपने मिशन में प्रशांत फिलहाल लगे हुए हैं। लेकिन दस जनपथ से उड़ती खबर पर यकीन किया जाए तो जल्द  ही उन्हें कांग्रेस में घोषित तौर से बड़ी जिम्मेतवारी मिलने वाली है। कुछ लोगों का कहना है कि वो महासचिव बनाए जा सकते हैं। हांलाकि इसकी पुष्टिम नहीं हो सकी है। पर राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं माना जाता।