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प बंगाल के इन 2 गांवों की चिट्ठियां आती हैं झारखंड के पते पर, वजह जान हैरान होंगे आप 

प बंगाल के 2 गांवों की चिट्ठियां, मनीऑर्डर और अन्य डाक सामग्री झारखंड के पते पर आती हैं। ऐसा ब्रिटिश काल से हो रहा है। दूसरे शब्दों में प बंगाल के ये दोनों गांव झारखंड डाक विभाग के अधीन आते हैं।

लोकसभा विशेष : 3 बार से BJP का अभेद्य किला बन चुके धनबाद में क्या गठबंधन कर पाएगा सेंधमारी

द फॉलोअप लोकसभा विशेष में आज किस्सा धनबाद लोकसभा सीट की। धनबाद जो पिछले 3 आम चुनावों से बीजेपी का अभेद्य किला बना हुआ है। धनबाद, जहां की जनता ने कांग्रेस, बीजेपी और वामपंथी पार्टियों को अलग-अलग अंतराल पर जीत से नवाजा।

झारखंड के एसटी आरक्षित लोकसभा सीट पर जीतना बीजेपी की असली चुनौती, कैसा है अतीत

पिछले आम चुनाव में बीजेपी जरूर 11 सीटें जीतने में सफल रही थी लेकिन राजमहल और सिंहभूम में हार की कसक आज भी चुभती है।

कोई दूसरा महेंद्र सिंह नहीं हुआ..

महेंद्र सिंह आज जिंदा होते तो 70 साल के होते। वे बगोदर से तीन बार विधायक रहे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने दिवंगत मुनव्वर राना को इन शब्दों में किया याद, कही ये बात 

पीएम नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) दिवंगत शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) को श्रद्धांजलि दी है और उनको य़ाद करते हुए कहा है कि उन्होंने उर्दू साहित्य औऱ शायरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लोकसभा विशेष : मोदी लहर में भी कैसे दुमका में अजेय रहे शिबू सोरेन, इस बार किसका पलड़ा भारी

द फॉलोअप लोकसभा विशेष में आज कहानी उस दुमका लोकसभा सीट की जो झारखंड मुक्ति मोर्चा का अभेद्य किला रहा है।

झारखंड में युवाओं को नौकरी नहीं, मिलती है तारीख; 2015 वाली JSSC-CGL परीक्षा 2024 तक पहुंची

झारखंड, राज्य कम दामिनी फिल्म का सेट ज्यादा लगता है। झारखंड में भले ही दामिनी फिल्म की तरह कोर्ट रूम ड्रामा नहीं है लेकिन तारीख पर तारीख जरूर मिलती है।

लोकसभा विशेष : पिछले 3 चुनावों में यहां खिला कमल, गोड्डा में इस बार कौन

गोड्डा में अभी बीजेपी के निशिकांत दुबे सांसद हैं। 2024 में भी वही बीजेपी के प्रत्याशी होंगे। इसकी प्रबल संभावना है। वहीं, गठबंधन की ओर से फिलहाल एक अनार 100 बीमार वाली स्थिति है।

मैं कहीं भी रहूं, झारखंड मेरे दिल में रहेगा; ओडिशा के नए राज्यपाल रघुवर दास बोले

झारखंड मेरे दिल में है। मैं दुनिया के किसी भी कौने में रहू मुझे झारखंड और जमशेदपुर की चिंता हमेशा रहेगी। इस जगह ने मुझे पहचान दी है। यहां की जनता ने 5 साल जो प्यार, सहयोग दिया है। उसके लिए मैं इनका सदैव अभारी रहूंगा।

देवी दुर्गा शक्ति स्वरूपा : सुशीला सामद- नारी चेतना की आवाज पहली आदिवासी महिला संपादक

तस्वीर में दिख रही महिला सुशीला सामद हैं। देश की पहली महिला आदिवासी विदुषी, कवि, पत्रकार और संपादक। सुशीला सामद ने 100 साल पहले औपनिवेशिक शासनकाल में नारी चेतना की आवाज बुलंद की। उन्होंने महिला अधिकारों की बात की।

देवी दुर्गा शक्ति स्वरूपा : दयामनी बारला, जिसे दुनिया झारखंड की आयरन लेडी के नाम से जानती है

गांव में साहूकारों ने उनकी जमीन हड़प ली। घर के मवेशी तक नहीं बचे। 2 वक्त की रोटी का कोई ठिकाना नहीं था। एक परिवार विस्थापित होकर गांव से 70-80 किलोमीटर दूर रांची आ जाता है। फिर शुरू होती है संघर्ष की ऐसी कहानी जो सिर्फ इस परिवार की न होकर झारखंड के हजारों

देवी दुर्गा शक्ति स्वरूपा  : सुमराय टेटे- ध्यानचंद अवार्ड पाने वाली देश और झारखंड की पहली आदिवासी महिला

इस तस्वीर को गौर से देखिए। ये सुमराय टेटे हैं। चेहरे पर जो हल्की सी मुस्कान है उसमें खुशी के साथ जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा है। इस तस्वीर के अंदर कामयाबी के जितने किस्से सिमटे हुए हैं उससे कहीं ज्यादा संघर्ष की दास्तानें हैं।

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