Nancy Oraon
भारत में हर साल मनाए जाने वाले अनेक त्यौहारों में से दिवाली का विशेष महत्व है। यह पर्व न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि संपूर्ण भारत और विश्वभर में रहने वाले भारतीयों के लिए एक उत्सव है। इस साल दिवाली का त्यौहार 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। दिवाली का त्यौहार मुख्य रूप से भगवान श्रीराम के वनवास के लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इसके साथ ही यह दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। इस दिन लोग अपने घरों, दुकानों, और ऑफिसों को साफ-सफाई कर उन्हें दीपों, रंगोली और फूलों से सजाते हैं। एक-दूसरे को मिठाइयां और उपहार देकर खुशियां बांटते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल दीपावली पर लक्षमी और गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:32 बजे से रात 8:51 बजे तक का है। इस समय को ''प्रदोष काल'' कहा जाता है और इसे पूजन के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है। प्रदोष काल में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
कैसे करे पूजा की तैयारी
साफ-सफाई और सजावट- दिवाली से पहले अपने घर, दुकान और ऑफिस की अच्छे से साफ-सफाई करें। इसे बुराई और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक माना जाता है।
रंगोली और दीप सजावट- घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर सजाएं और दीप जलाएं। घर में दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मिष्ठान्न और भोग- पूजा के दौरान लक्ष्मी माता को मिठाई, मेवे, और फल का भोग लगाएं।
पर्यावरण को भी ध्यान में रखें
इस दिवाली, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पटाखों का कम से कम उपयोग करें और इको-फ्रेंडली तरीके से त्यौहार मनाएं। मिट्टी के दीये जलाएं, जिससे प्रदूषण कम होगा और स्थानीय कुम्हारों का भी समर्थन होगा। साथ ही, फूलों की सजावट और प्राकृतिक रंगोली का इस्तेमाल करें।
इस बार दिवाली पर सभी के लिए संदेश है कि हम इस पर्व को आपसी भाईचारे और पर्यावरण की रक्षा के साथ मनाएं। सभी के जीवन में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद बना रहे और दिवाली का यह पर्व सभी के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आए।