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मनरेगा घोटाला मामले में HC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद मेंटेनेबिलिटी पर फैसला रखा सुरक्षित 

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड हाईकोर्ट में 5 अप्रैल बुधवार को मनरेगा घोटाले मामले में सुनवाई हुई। खूंटी की तत्कालीन डीसी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की भूमिका की जांच को लेकर दायर अरुण कुमार दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में हाइब्रिड मोड में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार की ओर से पैरवी की। इस दौरान सिब्बल ने प्रार्थी अरुण दुबे के अधिवक्ता राजीव कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। जिस पर खंडपीठ ने कहा कि इस केस में जिसे चाहे उसे अपना वकील बना सकता है। इसलिए प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार की बातों को सुना जाएगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंठपीठ ने मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन, वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल का पक्ष सुनने के बाद मेंटेनेबिलिटी के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि खूंटी में मनरेगा घोटाला मामला में कुल कितने केस एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज किए गए हैं और केस की अनुसंधान में वर्तमान स्थिति क्या है।

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