रांची स्थित भारत सरकार का उपक्रम हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HEC) कभी भी बंद हो सकता है। कंपनी की हालत बेहद खराब है। आर्थिक हालात इतने खराब हैं कि कामगारों को 8 महीने से जबकि अधिकारियों को 1 साल से वेतन नहीं मिला। कंपनी की खस्ता हालत का अंदाजा इस
एचइसी की आर्थिक हालत कितनी खराब है यह किसी से छिपी नहीं है। जिनके पैसे बकाया है वह बार-बार प्रबंधन से अपने पैसे की मांग कर रहे हैं। ताजा पत्र आया है सीआइएसएफ के आइजी का,
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में घोषणा की है कि राज्य सरकार HEC के रिवाइवल के लिए नए सिरे से प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि यह सही है कि HEC राज्य के लिए गौरवशाली प्रतिष्ठान है। जिस तरह से हम अपने शहीदों को याद करते हैं यह उसी तरह की संस्थान है । इस देश
40 दिनों से HEC के बाहर बैठे कर्मचारियों ने आज अपना धरना समाप्त कर दिया है। HEC कर्मचारियों ने टूल डाउन स्ट्राइक को खत्म करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच 6 बिंदुओं पर समझौता हुआ है। बता दें कि सात माह के बकाये वेतन क
दोनों श्रमिक संगठन के नेता कर्मचारियों के बजाए प्रबंधन के आला अफसरों के लिए काम कर रहे हैं।
हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड रांची में पिछले 26 दिनों से उत्पादन ठप है। कंपनी के कर्मचारी वेतन भुगतान की मांग को लेकर टूल डाउन स्ट्राइक पर है। यह स्ट्राइक 2 दिसंबर को सुबह 8 बजे एक साथ निगम के एचएमबीपी, एफएफपी और एचएमटीपी में शुरू हुआ था। छह दिसंबर
सोमवार को एचईसी नागरिक संघ के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि एचईसी एशिया का सबसे बड़ा भारी उद्योग कारखाना है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा स्थापना किए जाने के बाद एचईसी को मातृ उद्योग का दर्जा दिया गया था। एचईसी ने देश में कई बड़े
एचईसी में कर्मचारियों को बकाया वेतन के भुगतान का मामला सुर्खियों में है। कर्मचारी बीते कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। मांग है कि उनको अविलंब वेतन का भुगतान किया जाये। इस बीच खिजरी विधायक राजेश कच्छप के नेतृत्व में उनके आवास पर सभी श्रमिक संगठनों के प्रतिन
एचईसी कर्मियों का हड़ताल पांचवे दिन भी जारी है। सात माह से कर्मचारियों का वेतन नही मिला है, वेतन की मांग को लेकर कर्मी तीनों प्लांटो में प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मेन गेट पर ताला लगा दिया है। कंपनी को हर दिन 50 लाख रूपये का नुकसान हो रहा है, इसक
कोरोना काल में बहुत सारी कंपनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है। इनमें एचईसी का नाम भी उल्लेखनीय है। मिली जानकारी के मुताबिक एचईसी के पास 2 हजार करोड़ रुपये का कार्यादेश है, बावजूद इसकी अंदरूनी हालत ठीक नहीं है। उत्पादन की गति 50 फीसदी पर सिमट कर रह गई है
हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड एचईसी ने इस वित्तीय वर्ष में कार्यादेश लेने की हैट्रिक लगाई है