द फॉलोअप टीम, रांची:
सोमवार को एचईसी नागरिक संघ के अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि एचईसी एशिया का सबसे बड़ा भारी उद्योग कारखाना है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा स्थापना किए जाने के बाद एचईसी को मातृ उद्योग का दर्जा दिया गया था। एचईसी ने देश में कई बड़े-बड़े कल कारखाने बनाए। सर्वविदित है कि विगत 7' महीनों से कामगारों/अधिकारियों/ठेका मजदूरों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है। जबकि एचईसी में हजारों करोड़ के कई महत्वपूर्ण उपकरण बनाने का कार्य होना है।
एचईसी परिसर में सरकार का पूरा सचिवालय
कैलाश यादव ने कहा कि बेहद चिंताजनक बात यह है कि केंद्र की मोदी सरकार में झारखंड कोटे से 2 केबिनेट अर्जुन मुंडा, मुख्तार अब्बास नकवी एवं 1 राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी शामिल हैं। यादव ने कहा कि राज्य से बीजेपी के 11 लोकसभा सांसद एवं अन्य राज्यसभा सांसद भी हैं। इसके अलावा जेएमएम और कांग्रेस के भी संसद में प्रतिनिधि हैं। एचईसी के बदहाली के सवाल पर कभी भी इस सभी सांसदों ने मुखर होकर मोदी सरकार पर दबाव नहीं बनाया, जबकि एचईसी परिसर में ही झारखंड सरकार का पूरी केबिनेट और सचिवालय कार्यालय है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से हस्तक्षेप की मांग की
एचइसी नागरिक संघ राज्य के सभी सांसदों, केंद्रीय मंत्री एवं सीएम हेमंत सोरेन से अपील करता है कि एचईसी के रिवाइवल के लिए बगैर भेदभाव अपनाये हुए संयुक्त टीम के साथ देश के प्रधानमंत्री से मिलकर बात करें, अन्यथा एचईसी नागरिक संघ सभी नेताओं का विरोध करेगा, क्योंकि एचईसी में मजदूरों के वेतन के अलावा आवासीय परिसर में रहने वाले तमाम दीर्घकालीन लीज धारकों सहित झुग्गी बस्तियों, व्यवसायी/अस्थाई दुकानदारों लोगों की भी मामला लंबित है।
विभिन्न लंबित मांगों को लेकर मऊंटेशरी में बैठक
एचईसी नागरिक संघ के तत्वाधान में विभिन्न लंबित मामलों लीज रजिस्ट्रेशन/लीज क्वाटर ट्रांसफर/ एलटीएल टेंपररी एस्बेस्टस आवासो का छत ढलाई करने/झुग्गी बस्तियों एवं अस्थाई हजारों दुकानदारों का जमीन आवंटन करने सहित अन्य विषयों को लेकर आगामी 30' दिसम्बर 21 वृहस्पतिवार को दिन के 3:30 बजे से मऊंटेशरी मैदान में बैठक किया जाएगा। बैठक में अन्य सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहेंगे।