logo

नए संसद भवन से पीएम मोदी बोले- ‘ये विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है’

news_sansad.jpg

द फॉलोअप डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मों के प्रमुख लोग भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड सेंगोल की भी स्थापना की। इसके बाद सदन में नई संसद और सेंगोल पर बनी फिल्म दिखाई गई। इसके साथ ही 75 रुपए का सिक्का जारी किया गया। इससे पहले शनिवार को तमिलनाडु में चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम (पुजारी) के 21 संत दिल्ली पहुंचे। उद्घाटन की पूर्व संध्या पर अधीनम के महंत ने मंत्रोच्चारण के बीच सुनहरा राजदंड (सेंगोल) प्रधानमंत्री को सौंपा। संतों ने मोदी को एक विशेष तोहफा भी दिया। मोदी ने संतों से आशीर्वाद लिया और उनका अभिनंदन किया। सेंगोल स्थापना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। नया संसद भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी सुबह 7:30 बजे नए संसद भवन पहुंचे, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया और फिर हवन-पूजन में बैठ गए। इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी मौजूद थे। वहीं, कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया, सर्वधर्म सभा भी हुई। 

आज नया भारत तय कर रहा है नए लक्ष्य- पीएम मोदी

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबंधित करते हुए कहा कि  ''यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है।''

लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई- पीएम

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश के लोगों ने नए संसद भवन का उपहार दिया है। संसद में सर्वधर्म प्रार्थना हुई है। मैं सभी भारतीयों को लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। साथियों ये सिर्फ एक भवन नहीं है, ये 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।'

नए संसद भवन की क्या है खासियात

आईए जानते है नए संसद भवन की खासियत क्या है। अभी लोकसभा में 590 लोगों की बैठने क्षमता थी। जबकि, नई लोकसभा में 888 सीटें हैं। वहीं, विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। मौजूदा राज्यसभा में 280 सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे। लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे। लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे। संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है। कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं। कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।

सेंगोल की गरिमा को लौटाना हमारा सौभाग्य- पीएम 

नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मई को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पवित्र सेंगोल (राजदंड) स्थापित किया। बताया गया कि अंग्रेजों की तरफ से 14 अगस्त 1947 की रात इसे पं. नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के रूप में सौंपा गया था।  1960 से पहले यह आनंद भवन और फिर 1978 से इलाहाबाद म्यूजियम में रखा था। वहीं, अब 75  साल बाद राजदंड को नए संसद में स्थापित किया गया। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि सेंगोल की गरिमा को लौटाना हमारा सौभाग्य रहा है।

कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का किया बहिष्कार

नए संसद भवन का कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। जबकि, 25 दल इस कार्यक्रम में शामिल हुए। विपक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका उद्घाटन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का 25 दलों ने समर्थन किया। जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, जनता दल (सेक्युलर), बसपा, NPP, NPF, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगू देशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU, MNF। शामिल है। वहीं, विरोध में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), समाजवादी पार्टी, राजद, CPI, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, रालोद, राकांपा, JDU, CPI (M), IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP, AIMIM और MDMK शामिल है।

15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था नए संसद भवन का निर्माण

नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। हालांकि, इस भवन का निर्माण कार्य पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। तब उन्होंने कहा था कि संसद की नई बिल्डिंग से अधिक सुंदर कुछ नहीं हो सकता, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा।

पुराने संसद भवन का 96 साल हो गए, 1927  में बनाया गया था बिल्डिंग  

पुराने संसद भवन को 96 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई गई है। 10 दिसंबर 2020 को PM नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन के ठीक सामने नए भवन का पहला पत्थर रखा था। 29 महीने और 973 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद नई संसद बनकर तैयार है।

हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : http://https://chat.whatsapp.com/IgMHnUDDYLBDxlPX7oOXWz