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यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से किया इंकार, कहा- जा सकते हैं हाईकोर्ट

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द फॉलोअप डेस्क

बिहार के यूट्यूबर तमिलनाडु की जेल में बंद मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार और तमिलनाडु में एफआईआर क्लब करने और NSA हटाने की याचिका खारिज कर दी। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो हाईकोर्ट जाकर राहत मांग सकता है। मनीष कश्यप की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ में सुनवाई हुई। मनीष कश्यप के खिलाफ दो राज्यों में केस दर्ज है। सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मनीष कश्‍यप आदतन अपराधी है। मनीष कश्यप के अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि अगर इस लड़के को इस अपराध के लिए सलाखों के पीछे होना है तो सभी पत्रकारों को जेल जाना चाहिए। इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि पत्रकार नहीं, वह चुनाव लड़ा है। मालूम हो कि 28 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने NSA लगाए जाने को लेकर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा गया था। जवाब के लिए तमिलनाडु सरकार ने मोहलत मांगी थी। इसके बाद सोमवार यानी आज कोर्ट में काउंटर एफिडेविट फाइल किया गया। सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने पक्ष ऱखा। जबकि, तमिलनाडु सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए। वहीं, बिहार सरकार ने भी अपना पक्ष रखा।

सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस

मनीष कश्यप की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि पहले एफआईआर किया गया अब NSA लगया गया। जिसके जवाब में सीजेआई ने कहा कि लेकिन, क्या करें आप फर्जी वीडियो वगैरह बना रहे हैं। इस दौरान मनिंदर सिंह ने कहा कि अगर मुझे एनएसए के तहत होना है तो सभी समाचार पत्रों को एनएसए के तहत होना चाहिए। जिसपर  सीजेआई ने कहा कि लेकिन अगर आपको NSA का उपाय चाहिए तो आप हाईकोर्ट  जा सकते हैं। साथ ही कहा कि हम एफआईआर को क्लब कर सकते हैं। अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि जहां भी पहली एफआईआर दर्ज होती है तो इस नियम का पालन किया जाता है। जिसपर सीजेआई कहा कि मुझे कॉमन एफआईआर के बारे में बताइए। वहीं, सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि तमिलनाडु के काउंटर में अनुलग्नक देखें। अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि अगर इस लड़के को इस अपराध के लिए सलाखों के पीछे होना है तो सभी पत्रकारों को जेल जाना चाहिएऔर सलाखों के पीछे होना चाहिए। जिसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कि  पत्रकार नहीं, उसने चुनाव लड़ा है। बिहार सरकार ने तीन एफआईआर किए हैं जिसमें पहला मामला है कि उसने पटना सिटी में यह कहकर फर्जी वीडियो बनाया है कि यह वीडियो तमिलनाडु में तैयार किया गया है और इसमें दिखाया गया है कि प्रवासी मजदूरों को मारा जा रहा है। दूसरे में उस टिप्पणी पर है। जिसमें मनीष कश्यप ने कहा कि मैं पुष्टि करने के लिए तमिलनाडु जा रहा हूं। उसने उस वीडियो को एक अलग तस्वीर और अलग साउंड ट्रैक के साथ बनाया। वहीं, तीसरा मामला है कि हथकड़ी में तस्वीरें हैं। जिसमें बताने की कोशिश की है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

मनीष कश्यप के तीन मांगों पर हुई सुनवाई

सुनवाई के दौरान यूट्यूबर मनीष कश्यप की ओर से तीन मांगे की गई थी। पहली मांग मनीष कश्यप के खिलाफ दोनों राज्यों में दर्ज सारे केस को क्लब करने की थी। दूसरी में मनीष को रेगुलर बेल देने की मांग की गई थी। वही, तीसरी में तमिलनाडु सरकार की ओर से लगाए गए NSA को हटाने की मांग थी।  

मनीष कश्यप को मदुरै सेंट्रल जेल में रखा गया 

बता दें कि मनीष कश्यप ने पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया था। इसके बाद आर्थिक अपराध की टीम ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया था। फिर तमिलनाडु की पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले गई। 4 मई को मदुरै कोर्ट की ओर से सुनवाई के बाद मनीष कश्यप की न्यायिक हिरासत 17 मई तक के लिए बढ़ा दी थी। इसके बाद मनीष कश्यप को मदुरै सेंट्रल जेल में रखा गया है। मालूम हो कि 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने इस मामले में तमिलनाडु सरकार से पूछा था कि एनएसए क्यों लगाया गया है? इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने कोर्ट से जवाब देने के लिए समय मांगा था. आज तमिलनाडु सरकार की ओर से काउंटर एफिडेविट फाइल किया गया था।

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