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नहीं रहे हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन एसपी हिंदुजा, 87 साल की उम्र में लंदन में ली आखिरी सांस

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द फॉलोअप डेस्क

हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा यानी एसपी हिंदुजा का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बारे परिवार के प्रवक्ता ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिंदुजा समूह के अध्यक्ष एसपी हिंदुजा ने बुधवार को लंदन में आखिरी सांस ली। वे बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी से पीड़ित थे। एसपी की पत्नी मधु हिंदुजा का निधन इसी साल फरवरी माह में हो गया था। एसपी हिंदुजा चार हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े थे। मालूम हो कि हिंदुजा ग्रुप ब्रिटेन के सबसे अमीर कारोबारी घरानों में से एक है।

100 से अधिक देशों में फैला है कारोबार

हिंदुजा ग्रुप का 100 से अधिक देशों में  कारोबार है। जिसमें ट्रक-बस, बैंकिंग, पावर से लेकर केबल टीवी का बिजनेस है। अशोक लेलैंड, गल्फ ऑयल, हिंदुजा बैंक स्विट्जरलैंड, इंडसइंड बैंक, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस, हिंदुजा टीएमटी, हिंदुजा वेंचर्स, इंडसइंड मीडिया एंड कम्युनिकेशंस लिमिटेड इसकी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। मालूम हो कि  2022 में हिंदुजा परिवार 2.9 लाख करोड़ रु. की संपत्ति के साथ वहां टॉप पर था। भारत में इसका ऑटोमोटिव और केमिकल्स का बिजनेस है। वहीं, अशोक लेलैंड दुनिया की तीसरी बड़ी बस-ट्रक निर्माता कंपनी है।

पाकिस्तान के कराची में हुआ था जन्म
श्रीचंद पी हिंदुजा को एसपी नाम से भी जाना जाता था। वह हिंदुजा समूह के फाउंडर पीडी हिंदुजा के सबसे बेटे थे। उनका  जन्म पाकिस्तान के कराची में साल 1935 में हुआ था। 1952 में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे 18 साल की उम्र से ही अपने पिता के कारोबार के साथ जुड़ गए थे। बाद में उन्होंने ब्रिटेन की नागरिकता ले ली और वहीं लंदन में ही रहने लगे। उनकी शादी मधु हिंदुजा से हुई थी, जिनकी हाल ही में मौत हुई थी। उनकी दो बेटियां शानू और वीनू हैं। उनके तीन भाई जीपी हिंदुजा, प्रकाश हिंदुजा और अशोक हिंदुजा हैं। उन्होंने मुंबई में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर का कारोबार शुरू किया। पहली सफलता फिल्म ‘संगम’ के अंतरराष्ट्रीय वितरण से मिली। इसके बाद वे कामयाबी हासिल करते गए।

बोफोर्स घोटाले में उछला था नाम

18 साल की उम्र से कारोबार जगत में सक्रिय एसपी हिंदुजा का नाम अस्सी के दशक में बोफोर्स घोटाले में प्रमुख रूप से सामने आया था। बोफोर्स घोटाले में आरोप लगाए गए थे कि हिंदुजा बंधुओं को गांधी परिवार से निकटता का काफी फायदा मिला था। गांधी परिवार से निकटता के कारण बोफोर्स सौदे को स्वीडिश कंपनी के पक्ष में करने के लिए उन्हें कमीशन भी दिया गया था। 

 

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