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रांची में 2 अक्टूबर को शांति एवं न्याय कॉन्फ्रेंस, देश भर से जुटेंगे आध्यात्मिक गुरु और प्रबुद्ध

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रांची

झारखंड की राजधानी देश दुनिया में मोहब्बत का पैग़ाम देती आयी है। इसी कड़ी में महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को एक ऐसी ही महफ़िल शहर में सजने जा रही है, जिसका मक़सद ही है- मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। नाम है, शांति एवं न्याय कॉन्फ्रेंस। इसका आयोजन इमारत शरीया (बिहार-झारखंड-उड़ीसा) की ओर से किया जा रहा है। कार्यक्रम हज हाउस, कडरू में सोमवार को सुबह 10 बजे से शुरू होगा। जबकि इसका समापन दोपहर 2 बजे होगा। जिसमें नामी गिरामी स्कॉलर, अध्यात्मिक शख्सियतें, धार्मिक गुरु और विद्वान शिरकत करेंगे। जिनमें ख्यात अर्थ शास्त्री ज्यां द्रेज, वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन, आदिवासी एकता परिषद के महासचिव अशोक चौधरी,  जमीयत उल्मा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, जमायत हिंद के प्रमुख सैयद सआदत उल्लाह हुसैनी, जमीयत अहले हदीस हिंद के प्रमुख मौलाना असगर अली इमाम सल्फी और रांची शहर क़ाज़ी मौलाना तौफीक अहमद क़ादरी के अलावा कई राष्ट्रीय और स्थानीय वक्ताओं के नाम शामिल हैं। आयोजन में सहयोग जमात ए इस्लामी, जमीयत उल्मा, जमीयत अहले हदीस, जमात अहले सुन्नत और ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल का रहेगा। 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र

आयोजन के कन्वीनर मुफ्ती मो. अनवर क़ासमी क़ाज़ी इमारत शरीया रांची ने बताया कि हमारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, विविध संस्कृति, सभी धर्मो और संप्रदायों का सुंदर सद्भाव, वर्षो से मानव भाईचारे का इतिहास, विविधता में एकता, भारतीय संविधान का मुख्य आधार और आत्मा है, समान अवसर शांति सुरक्षा प्रदान करता है। हमारा देश सद्भाव, भाईचारा, आस्था और विचार  की आजादी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक और आर्थिक  न्याय  " सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा" का प्रतीक है। आइए हम एक शांतिपूर्ण सुरक्षित, समृद्ध और न्यायपूर्ण भारत राष्ट्र का निर्माण करते हैं।