गुमला में पीएलएफआई टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गुमला के कामदारा इलाके के जंगल से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया हैं। जिसमें 7.62 MM की 1245 कारतूस और 5.56 MM की 271 गोलियां जब्त की है। एनआईए को पीएलएफआई सुप्रीमों दिनेश गोप से पूछताछ के बाद यह जानकारी मिली। जिसके बाद एनआईए की टीम ने उक्त स्थान में छापेमारी की।
दिनेश गोप के निशानदेही पर कार्रवाई
इस मामले में के संबंध में बताया गया कि दो वर्ष पहले बिहार के नालंदा जिले के सिक्सोहरा से जब्त गोला-बारूद पीएलएफआई को मिला था। ये सभी गोला-बारूद को संगठन ने पीएलएफआई के उग्रवादियों को बांटने के लिए रखा गया था। बताया गया कि NIA के पूछताछ के बाद दिनेश गोप के निशानदेही पर कामदारा इलाके के जंगल से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया।
PLF को JLT के रूप में जाना जाता था।
एनआईए की जांच के के मुताबिक पीएलएफआई पहले झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (JLT) के रूप में जाना जाता था। यह संगठन झारखंड में सैकड़ों अपराधिक घटनाओं के लिए जिम्मेदार है, जिसमें हत्या की घटनाएं भी शामिल हैं। पीएलएफआइ संगठन बेरोजगार युवकों को बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराने का लालच देकर संगठन में जोड़ने का काम करता था। जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है।
NIA और झारखंड पुलिस ने दिनेश गोप को नेपाल से किया था गिरफ्तार
मालूम हो कि पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। जिसे इंटेलिजेंस ब्यूरो के सहयोग से एनआईए और झारखंड पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर गिरफ्तार किया था। दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस और NIA ने कुल 30 लाख का इनाम कर घोषित रखा था। वह वर्तमान में एनआईए की हिरासत में है।
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