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केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना को ये बोलकर किया था खारिज

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रांची   

बिहार सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी किए जाने पर रांची जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो ने बयान जारी किया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के प्रति आभार प्रकट किया और कहा की बिहार राज्य को यह जनगणना करवाने के लिए इसलिए विवश होना पड़ा क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना करवाने की मांग को खारिज कर दिया था। भाजपा की नीति और नीयत देश के पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ रही है। यही कारण है कि मोदी सरकार की ओर से पूर्व की यूपीए गठबंधन सरकार द्वारा वर्ष 2011 में करवाए गए सामाजिक आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना (एसईसीसी) की रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। इस जनगणना से संकलित जानकारी का उपयोग राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और संस्कृतिक नीतियों को बनाने के लिए किया जाना था। परंतु ऐसा नहीं किया गया। इसका खामियाजा आज देश भर की बहुसंख्यक पिछड़ी जाति के लोगों को उठाना पड़ रहा है।

देश में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50%
जिला अध्यक्ष डॉ. महतो ने कहा कि वर्तमान समय में देश में आरक्षण की अधिकतम सीमा जो 50% निर्धारित है, उसे भी बढ़ाया जाना चाहिए। इसे आबादी के अनुसार किया जाना चाहिए। जिलाध्यक्ष डॉ.महतो ने झारखंड राज्य के परिपेक्ष्य में कहा कि झारखंड सरकार में शामिल सभी दलों की मंशा साफ है। अगर केंद्र सरकार अब भी 2011 की जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की है हठधर्मिता करती है तो बाध्य होकर झारखंड सरकार भी बिहार सरकार की तर्ज पर जनगणना करवाएगी। लेकिन इससे पूर्व भाजपा और एनडीए के घटक दलों को इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए। सिर्फ पिछड़ी जातियों का हिमायती होने का दिखावा करने से अब काम चलने वाला नहीं है। क्योंकि वे अब अपने हक-अधिकार के लिए जागरूक हो चुके हैं।

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