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मलार समाज आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से पिछड़ेपन का हैं शिकार, मिले उनका हक- सुशील श्रीवास्तव

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द फॉलोअप डेस्क 

सिमडेगा जिले के केरसई प्रखंड के कोरोकोटजोर में 1 मई सोमवार को मलार समाज को आदिवासियों का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान समाज के अगुवा देशु मलार एवं दिनुस मलार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मलार समाज 100 वर्षों से अधिक समय से झारखंड में निवास कर रहे हैं। इनकी रहन-सहन, रीति-रिवाज खानपान सभी आदिवासियों से मिलता-जुलता है। साथ ही अत्यंत पिछड़ा हुआ समाज है। इसलिए मलार समाज को आदिवासियों का दर्जा मिलनी चाहिए।

जाति, आय, आवसीय और प्रमाण पत्र हो निर्गत

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के सांसद प्रतिनिधि सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि सच है कि मलार समाज की स्थिति काफ़ी दुखद है, मलार समाज आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि जल्द ही मलार समाज को जाति, आय, आवसीय और प्रमाण पत्र निर्गत हो, ताकि उनके बच्चे शिक्षा से वंचित न हों। वहीं, उन्होंने कहा कि इनकी मांगो को उच्च स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगे।

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