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बीज फार्म बनाकर भूल गई झारखंड सरकार, महंगे दाम पर खरीदारी कर रहे हैं किसान

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द फॉलोअप डेस्क

जहां एक तरह कृषि मंत्री बादल पत्रलेख सरकार के तीन सालों की उपलब्धियों को गिनवा रहे हैं, वहीँ दूसरी तरफ ज़िले के सरकारी कृषि अधिकारी सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल झारखंड के किसानों को सस्ते दरों पर बीज उपलब्ध कराए जाने को लेकर सरकार बीज फार्म पर अबतक करोड़ो खर्च कर चुकी है। लेकिन, यह केवल दस्तावेज़ों तक सिमित रह गया है। दरअसल बीज फ़ार्म का निर्माण किसानों को सस्ते और किफायती कीमतों पर बीज उपलब्ध कराए जाने को लेकर की कराई गयी थी। लेकिन, बीज फ़ार्म के संचालन के लिए कर्मचारियों की बहाली नहीं होने की वजह से बीज फ़ार्म की स्थिति दयनीय हो गई। जिसकी वजह से किसानों को मजबूरन खेती के लिए बीज की खरीदारी निजी विक्रेताओं से करनी पड़ रही है। साथ ही किसानों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है।

 

क्या है बीज फ़ार्म ?

बीज फार्म में बीज के खेती की जाती है और एक बीज से सैंकड़ो बीज उगाई जाती है। उसके बाद बीज को किसानों तक सस्ते मूल्य में बेचा जाता है। आज रांची के हटिया स्थित पशुपालन भवन में किसानों की धरातल की समस्याओं के हल को लेकर खरीफ सह मिलेट्स कर्मशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में अधिकतर कृषि पदाधिकारयों ने बीज फ़ार्म का मामला उठाया और इसे गंभीरता से लेने की बात कही। कार्यक्रम में मौजूद पशुपालन भवन के कृषि निदेशक चंदन कुमार ने किसानों की समस्याओं को सुना और उन्हें आशवस्त किया, कहा किसानों को ज़मीनी स्तर पर हो रही परेशानियों का जल्द निपटारा किया जायेगा। सरकार इस दिशा में संवेदनशील है और इसे गंभीरता से ले रही है।

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