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OROP- 2 में विसंगतियों को लेकर जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिक कर रहे प्रदर्शन, झारखंड में 40 हजार हैं प्रभावित

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द फॉलोअप डेस्क

दिल्ली के जंतर-मंतर पर विगत माह से वन रैंक वन पेंशन में विसंगतियों को समय रहते दूर करने की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन जारी है। झारखंड के भी लगभग 40 हजार पूर्व सैनिक इससे प्रभावित हैं। इसे लेकर वेटेरन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ झारखंड (आर्मी, एयरफोर्स अनेवी) ने पूर्व सैनिकों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन किया। वहीं, इस संबंध में वेटरन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ झारखंड ने झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने बताया कि वन रैंक वन पेंशन (OROP- 2) 07 नवंबर 2015 को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा एक नोटीफिकेशन जारी किया गया। जिसमें समान रैंक और समान पेंशन के जिक्र को दर्शाते हुए इस बात का आश्वासन दिया गया कि पहले से चली आ रही विसंगतियों को समानता के स्तर पर लाने का प्रयास किया गया है। पूर्व सनिकों ने पिछली सरकार ((यूपीए) के कार्यकाल में ही वन रैंक वन पेंशन के समस्याओं को विगत कई वर्ष पूर्व रखा था। मगर पिछले सरकार ने ठंडे बस्ते में डालते हुए कुम्भकर्ण की नींद में सो गयी । वर्तमान सरकार ने अपने राजनीतिक उच्च श्रृंखलाओं के चलते पूर्व सैनिकों के इस पुराने मांग को अपने एजेंडे में शामिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रेरित होकर 20 जनवरी 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी करती है। जिसमें वन रैंक वन पेंशन लागू संबंधित बातों को दर्शाने का अनूठा प्रयास किया गया, जो विसंगतियों को दूर भगाने के आड़ में एक बहुत बड़े भेदभाव को बरकरार रखने में सफल सिद्ध हुई नतीजतन आज भी देश स्तर के भूतपूर्व सनिक के द्वारा जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा हैं।

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OROP- 2 OROP- 2 में विसंगतियां

(क) पेंशन में भेदभाव- टी एस नायक का पेंशन 2006 में 4044/- रुपये प्रति माह था वो 2023 में बढ़ कर 20000/- रुपये प्रति माह हुआ ठीक वहीं टी एस कर्नल का पेंशन 2006 में 14600/- रुपये प्रति माह था वो 2023 में बढ़ कर 95000/- रूपये प्रति माह हो गया जो एक बजे असमानता को दर्शाता है।

(ख) वीर नारी के पेंशन में भेदभाव- वीर नारी सैनिक का पेंशन 2006 में 3500/- रुपये प्रति माह था वो 2023 में बढ़ कर 11045/- रुपये प्रति मात हुआ ठीक नहीं वीर नारी अधिकारी का पेंशन 2006 में 5800/- रुपये प्रति माह था वो 2023 में बढ़ कर 54000/- रुपये प्रति माह के साथ ही जोड़ कर 72000/- रूपये हो रहा है जो एक बहुत बड़े असमानता को दर्शाता है।

 (ग) डिसेबिलिटी पेंशन में भेदभाव- डिसेबिलिटी पेंशन जो एक जवान का 18000/- प्रति माह है ठीक वहां पर एक अधिकारी का 2.5 लाख प्रति माह है जो एक बहुत बड़े असमानता को दर्शाता है।

(घ) रिटायर्ड होने के उम्र में भेदभाव- एक सैनिक के रिटायर्ड होने के उम्र की आसल सीमा 32 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक निर्धारण किया गया है ठीक वहीं एक अधिकारी के उम्र को औसत सीमा 58 वर्ष से 60 वर्ष तक है जो कि एक बहुत बड़े असमानता को दर्शाता है।

(च) पदक देने में भेदभाव- जवान और जे सी ओ कुल संख्या 97% को 10% और उससे भी कम पदक दिया जाता है ठीक वहीं पर अधिकारी के कुल संख्या 03% हैं जिन्हें 100% पदक प्राप्त होते है जो एक बहुत बड़े असमानता को दर्शाता है।

(छ) एम एस पी (मिलिट्री सर्विस पे) में भेदभाव

(ज) हाइअल्टीच्यूट एलाउंस में भेदभाव

(झ) गैलेन्टरी एवार्डस से सम्मानित अधिकारों में भेदभाव

कुछ को फायदा तो कुछ को माइनस दर्शाया

पत्र में बताया गया कि र्सकुलर 666 में जो टेबल जारी किया गया उसके अनुसार कुछ को फायदा तो कुछ को माइनस दर्शाया गया है। जिनके माइनस दर्शाये गये उनके हिस्से का फायदा अन्य वर्ग को प्राप्त हुआ जिनके लिए यह ओ आर ओ पी -2 था हीं नहीं। और भी बहुत सारी विसंगतियां है जिसे केंद्र सरकार को संज्ञान में लेने की जरूरत है तथा सभी विसंगतियों के निष्पादन के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही हमारे संगठन के द्वारा सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि हमारे झारखंड प्रांत में लगभग 40 हजार पूर्व सैनिक है जो ओ आर ओ पी 2 के विसंगतियों से प्रभावित हैं, अवगत कराते हैं और उचीत कदम - उठाने की अपेक्षा रखते हैं।