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कोविड के कारण कर्मचारी का निधन हुआ तो निगम के कार्यालय में क्लेम सेटलमेंट का दे सकते हैं आवेदन- सहायक निदेशक

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द फॉलोअप डेस्क

20 मार्च 2020 से 23 मार्च 2022 के बीच में कोविड के कारण किसी बीमित व्यक्ति का निधन हुआ हो तो उनका क्लेम सेटलमेंट अभी भी किया जा सकता है। यदि किन्हीं नियोक्ता के कर्मचारी का निधन इस अवधि के बीच हुआ हो तो वे निगम के कार्यालय में अभी भी क्लेम सेटलमेंट का आवेदन दे सकते हैं। निगम द्वारा उनके परिवार को आजीवन पेंशन का लाभ दिया जायेगा। ये जानकारी निगम के सहायक निदेशक अभिषेक कुमार ने रांची स्थित चैंबर भवन में सोमवार को कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा आयोजित एक जागरूकता शिविर में दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में झारखंड में लगभग 100 परिवार को इस योजना के तहत पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम द्वारा प्रत्येक माह सुविधा समागम कार्यक्रम का आयोजन होता है, नियोक्ता अथवा उनके कर्मचारी इसमें शामिल होकर ऑन द स्पॉट समस्या का समाधान करा सकते हैं।

नियोक्ता हमारे मुख्य स्टेकहोल्डर्स- निदेशक

शिविर में निगम के क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन ने मुख्य रूप से उपस्थित हुए। जिसमें उन्होंने कहा कि नियोक्ता हमारे मुख्य स्टेकहोल्डर्स हैं। नियोक्ता केवल अपना कंट्रीब्यूशन जमा करने तक सीमित नहीं रहें, उनके कर्मचारियों को उनका लाभ मिल रहा है या नहीं, इसकी भी समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि कहीं भी समस्या होने पर हमारे कार्यालय को शीघ्र अवगत करायें। मौक पर उन्होंने नए कामगारों को निबंधन के दौरान ही आधार सीडिंग कराने की भी अपील की।

नियोक्ताओं ने रखी अपनी समस्या

शिविर में उपस्थित नियोक्ताओं ने अपनी समस्या से भी निदेशक को अवगत कराया। जिसका अधिकारियों ने त्वरित समाधान के लिए आश्वस्त किया। एक नियोक्ता ने यह भी अवगत कराया कि उनके पास केवल एक ही कर्मचारी कार्यरत हैं किंतु उनके पास पीएफ-ईएसआई की नोटिसें आ रही हैं। जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि एमसीए के पोर्टल पर कंपनी के निबंधन के दौरान ही पीएफ-ईएसआई का निबंधन ऑटो जेनरेट होने के कारण यह समस्या हो रही है जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।

चैंबर अध्यक्ष ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम की प्रयासों की प्रशंसा की

इस मौके पर चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। साथ ही सभी नियोक्ताओं से इसका लाभ लेने की अपील की। निगम की योजनाओं से नियोक्ता और कर्मचारी अधिकाधिक लाभान्वित हो सकें। इस के लिए उन्होंने इस प्रकार के शिविर का आयोजन राज्य के प्रत्येक जिलों में करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कई नियोक्ताओं के बीच यह संशय बना रहता है कि वे एक अतिरिक्त विभाग से जुडें कि नहीं, इस संशय को दूर करने के लिए निगम द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों का अनिवार्य आयोजन जरूरी है।

शहर के बीच में डिस्पेंसरी खोलने की दी गई सलाह

मौके पर चैंबर के श्रम एवं मापतौल उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत ने नामकोम स्थित 200 बेड के अस्पताल को जल्द चालू करने और शहर के बीच में डिस्पेंसरी खोलने को आवश्यक बताया। जिसपर क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि निगम द्वारा एक अतिरिक्त ब्रांच ऑफिस खोलने की कार्रवाई की जा रही है। शहर के बीच में डिस्पेंसरी खोलने को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां बीमित व्यक्ति की संख्या अधिक है, वहां के नियोक्ता हमें आवेदन दें, इसपर जरूर विचार किया जायेगा। साथ ही उन्होंने नामकोम में निर्माणाधीन अस्पताल को आगामी 6 माह के अंदर चालू करने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि 100 से अधिक बीमित व्यक्तियों की संख्या होने पर नियोक्ता अपने कैंपस में भी कर्मचारियों का हेल्थ चेकअप करा सकते हैं। निगम द्वारा यह सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

शिविर में शामिल हुए अधिकारी, नियोक्ता 

शिविर में चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, श्रम एवं मापतौल उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत, सदस्य प्रेमचंद श्रीवास्तव, अमित किशोर, किशन अग्रवाल, मुकेश पाण्डेय, शषांक भारद्वाज, राजीव चौधरी, मुकेश कुमार, अमित कुमार, विषाल पाल, नितेष शारडा, सिद्धार्थ जालान, एमके सिन्हा, वरूण अग्रवाल के अलावा निगम के उप निदेशक, शिवेंद्र कुमार, पदाधिकारी अनिल चौधरी, नवीन कुमार, सुजीत कुमार, रमेष कुमार, निर्भय सिंह, विवेक राज, फिल्ड अफसर देवेंद्र तिवारी सहित अन्य उपस्थित थे।

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