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जातिगत जनगणना होने पर देश में यादवों की संख्या 40 करोड़ से अधिक होगी : परिषद

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रांची 
श्रीकृष्ण विकास परिषद झारखंड के बैनर तले धुर्वा में अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा का शताब्दी वर्ष शौर्य शक्ति सम्मान दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के मुख्य संरक्षक कैलाश यादव ने की। सभा को प्रांतीय यादव महासभा के अध्यक्ष पीतांबर दास, रांची महानगर महावीर मंडल के अध्यक्ष जयसिंह यादव, हजारीबाग यादव महासभा के अध्यक्ष अर्जुन यादव, उमेश गोप, नंदन यादव, सुरेश राय, रामकुमार यादव, सुधीर गोप, रामजी यादव, राजकिशोर यादव, सरोज यादव, अजय यादव, अशोक यादव, सुरेश गोप, मैनेजर राय, कामेश्वर यादव, अमरीश यादव, प्रो गोपाल यादव ने संबोधित किया। कैलाश यादव ने सभा में कहा कि जातिगत जनगणना होने से देश में यादवों की संख्या लगभग 40 करोड़ से अधिक होगी।

यादव समाज की उपलब्धियां बताईं 
कैलाश यादव ने कहा कि यादव समाज अपने पारंपरिक पेशा को बरकरार रखते हुए आज शिक्षा, खेलकूद, साहित्य, उद्योग, व्यापार सहित सभी क्षेत्रों में आगे है। देश में यादवों की लगभग 26 फीसदी आबादी होने के बावजूद यादव जाति को अनुपात के मुताबिक राजनीति में स्थान नहीं मिल रहा है।  कहा कि देश में जातिगत जनगणना अत्यंत जरूरी है। जनगणना नहीं होने के कारण यादव समाज सहित लगभग 65 फीसदी ओबीसी वर्ग समुचित लाभ से वंचित है। यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना होने से देश में यादवों की संख्या लगभग 40 करोड़ से अधिक होगी। यादव वर्ग ओबीसी समाज का एक मजबूत स्तंभ है। पीतांबर दास ने कहा कि यादवों का इतिहास सृष्टि के उत्पति से है, बगैर यादव जाति को साथ लिए कोई भी राजनीतिक शक्ति मजबूत नहीं हो सकती। अर्जुन यादव ने कहा कि देश का पहला सामाजिक संगठन है जो ब्रिटिश शासन में बना था। 

 कार्यक्रम में पारित हुए ये प्रस्ताव- 
1. जातिगत जनगणना अविलंब हो। 
2. 33% महिला आरक्षण कानून में ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित हो। 
3. अहीर रेजिमेंट का गठन कर राष्ट्रीय मान्यता दिया जाये। 
4. राज्य में ओबीसी का 27 फीसदी आरक्षण अविलंब लागू हो। 

 

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