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झारखंड : हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को दिया निर्देश, इको सेंसेटिव जोन में चल रहे औद्योगिक इकाइयों पर लगाएं रोक  

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड हाईकोर्ट में 3 अप्रैल सोमवार को झारखंड के इको सेंसेटिव जोन में 10 किलोमीटर की रेडियस में औद्योगिक इकाइयों को चलने से रोकने और राज्य के 9 क्षेत्रों को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस संबंध में उमाशंकर सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। जिसमें कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को इको सेंसेटिव जोन में संचालित औद्योगिक इकाइयों जिन्हें नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (NBWL) से अनुमति प्राप्त नहीं है उनको चलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया। वहीं, कोर्ट ने मामले में केंद्र व राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं, मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अप्रैल तिथि तय की है। इस दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सोनल तिवारी ने कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट का हवाला दिया। अधिवक्ता ने बताया कि गोवा फाउंडेशन बनाम केंद्र सरकार में कहा गया है कि किसी भी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी या फॉरेस्ट या नेशनल पार्क के 10 किलोमीटर के परिधि को इको सेंसेटिव जोन बनाया जाए, वहां कोई माइनिंग कार्य नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ के अनुमति के बिना नहीं हो सकती है। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया की इको सेंसेटिव जोन क्षेत्र में कई जगह पर माइनिंग कार्य हो रहे हैं और औद्योगिक इकाइयां भी चल रही है।

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10 किलोमीटर के परिधि में बनना चाहिए इको सेंसेटिव जोन

मालूम हो कि15 अक्टूबर 2018 को वन प्रमंडल हजारीबाग पदाधिकारी ने मुख्य वन संरक्षक को एक पत्र लिखा था। जिसमें बताया गया था कि कोडरमा वन प्राणी क्षेत्र में 37, हजारीबाग वन प्राणी क्षेत्र में 31, गौतम बुद्ध वन्य प्राणी क्षेत्र में 1, पारसनाथ एवं तोपचांची वन्य प्राणी क्षेत्र में 15 औद्योगिक इकाई इको सेंसेटिव जोन में नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ के बिना अनुमति के चल रहे हैं। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि सरकार ने राज्य के करीब 9 क्षेत्रों को इको सेंसेटिव तो घोषित किया है। लेकिन, इसकी परिधि 10 किलोमीटर से कम रखा है। जबकि, नियम के मुताबिक किसी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के 10 किलोमीटर के परिधि में इको सेंसेटिव जोन बनना चाहिए।

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