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विधायक के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर HC में बहस पूरी, 19 मई को कानूनी बिंदु पर होगी सुनवाई

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड हाईकोर्ट में डाल्टेनगंज विधायक आलोक चौरसिया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट में हुई। इस दौरान मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। वहीं, कोर्ट ने कुछ कानूनी बिंदु पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है। सुनवाई के दौरान विधायक आलोक चौरसिया की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने पैरवी की। आलोक चौरसिया ओर से बहस के दौरान कोर्ट को बताया गया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) एक्ट की धारा 28 के अनुसार जैक कोई कार्रवाई या आदेश पारित करता है तो उसे न्यायालय में चैलेंज नहीं किया जा सकता है।  साथ में यह भी कहा गया कि जब JAC ने उनके जन्मतिथि में संशोधन कर दिया है और वह अब ठीक हो चुका है तो उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकता है, तो फिर इलेक्शन पिटिशन में कैसे इसे चुनौती दी जा सकती है। चौरसिया की ओर से दलील दी गई कि जैक द्वारा आलोक चौरसिया के जन्मतिथि में किए गए सुधार के संबंध में अदालत कोई आदेश पारित नहीं कर सकता है। सुनवाई के दौरान केएन त्रिपाठी की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता महेश तिवारी एवं अभिषेक कुमार दुबे ने पैरवी की।

कांग्रेसी नेता केएन त्रिपाठी ने दाखिल की थी याचिका

मालूम हो कि कांग्रेसी नेता केएन त्रिपाठी ने चुनाव याचिका दाखिल कर कहा था वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के नामांकन के दौरान आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष पूरी नहीं हुई थी। इस कारण वे चुनाव लड़ने के अयोग्य थे। इसलिए उनका निर्वाचन रद्द किया जाए। केएन त्रिपाठी का आरोप है कि आलोक चौरसिया ने अपने जन्मतिथि में बदलाव किया है। जबकि आलोक चौरसिया के जन्मतिथि में जो बदलाव हुआ है। वह जैक के अधिकार क्षेत्र में आता है। जैक को जन्म तिथि में सुधार करने का कानूनी पावर है। आलोक चौरसिया की ओर से गलती से फॉर्म भरते समय जन्मतिथि वर्ष 1995 का भर दिया गया था। बाद में उन्हें महसूस हुआ कि गलत भरा गया है। लेकिन, वे उस समय ठीक नहीं करा सके थे। बाद में उन्होंने वर्ष 2012 में अपने जन्म तिथि में सुधार की कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी जन्मतिथि में झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सुधार किया था। पूर्व की सुनवाई में केएन त्रिपाठी की ओर से बहस में कहा गया था कि झारखंड विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय में आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष से कम थी। इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।

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