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सिमडेगा : जान जोखिम में डालकर चचरी पुल के सहारे आते-जाते हैं ग्रामीण, बुनियादी सुविधा भी नहीं

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द फॉलोअप डेस्क

सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड के सोय पंचायत के ग्रामीण कला पानी की सजा काटने को मजबूर  हैं। दरअसल, सोय पंचायत अंतर्गत रुगड़ी टोली से बेलकोना बड़का टोली जाने वाले रास्ते में बरबेड़ा नदी में पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को लकड़ी से बने चचरी पुल से आवागम करना पड़ता है। जो की काफी जोखिम भरा है। ग्रमीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में लकड़ी से बना पुल बह जाता है जिससे गांव टापू में तब्दील हो जाता है। और पंचायत, प्रखंड मुख्यलय से संपर्क कट जाता है। जिससे गांव के 20 से 25 परिवार के सदस्यों को कला पानी की सजा काटने जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हो जाते है। वहीं, बच्चे और लोगों को आने जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है। हालांकि, मुख्याल को जोड़ने के लिए कच्ची सड़क है। लेकिन, कच्ची और जर्जर सड़क होने के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना कि नदी में अधिक पानी होने के कारण कई दिनों तक बच्चे विद्यालय नहीं जा पाते है। ग्रामीणों ने कहा कि पुल निर्माण को लेकर कई नेता और पदाधिकारी गांव पहुंचे। लेकिन, सिर्फ आश्वासन देकर चले गए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को गांव की याद चुनाव के वक्त आता है। वोट बटरोने के लिए बड़े बड़े वादे करते हैं। लेकिन, जब ग्रामीण उनके सामने पुल निर्माण की बात करते हैं तो वे सिर्फ आश्वसन देते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद जनप्रतिनिधि इस गांव की ओर मुंह तक नहीं फेरते हैं।  

कूप और नदी के दूषित पानी पीने के लिए मजबूर

इतना ही नहीं, प्रखंड मुख्यालय से महज 15 km दूरी पर स्थित बेलकोना बड़का टोली गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधा से भी वंचित है। बेलकोना एवं बड़का टोली गांव में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एंव पेय जल जैसी सुविधा से काफी दूर हैं। ग्राम में एक भी जल मीनार नहीं है ग्रामीण कूप और नदी के दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्वच्छ पीने योग्य पानी के लिए चापाकल तक नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां बुनियादी सुविधा का अभाव है  

कई बार आवेदन दिए, नहीं पड़ा कोई प्रभाव- ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर बानो प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत के मुखिया, सिमडेगा उपायुक्त सहित विधायक को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन, कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बता दें कि आज भी पुल निर्माण की आस लेकर ग्रामीण जी रहे हैं। लेकिन, इन ग्रामीणों का कोई सुध लेने वाला नहीं। वहीं, ग्रामीण गोस्नर जोजो,कमल सुरीन,प्रदीप गुड़िया, मोजेस टोपनो, जय मासी गुड़िया, ललिता गुड़िया, सुबेरला गुड़िया, सुभानी गुड़िया, प्रफुलित गुड़िया, सुनीता गुड़िया, सृष्टि सुरीन, ने पुल निर्माण की मांग किया है।

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