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श्रद्धांजलि सभा में बंधु तिर्की ने कहा- डॉ. करमा उरांव के बताए रास्ते पर चलना हम सभी की जिम्मेदारी 

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द फॉलोअप डेस्क

प्रकांड विद्वानप्रखर शिक्षाविद और सफल नेतृत्वकर्ता डॉ. करमा उरांव का निधन वैसे सभी लोगों को हतोत्साहित करने वाला है जिनके हृदय में झारखंड और यहां के लोगों के प्रति प्रेम है। झारखंड के लिए वैसी अपूरणीय क्षति है। जिसकी भरपायी कभी नहीं हो सकती। ये बातें झारखंड झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने रविवार को रांची के बनहौरा में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में डॉ. करमा उरांव के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित  कर कही। उन्होंने कहा कि अब यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि डॉ.करमा उरांव के बताए रास्ते पर चलें और झारखंड को एक संपन्न प्रदेश बनाने के साथ ही यहां के लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का प्रयास करें।

जनजातीय और मानवशास्त्र को दी एक नई दिशा

तिर्की ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन और मानवशास्त्र विभागाध्यक्ष के रूप में न केवल रांची विश्वविद्यालय बल्कि झारखंड के शिक्षा जगत विशेष रूप से जनजातीय और मानवशास्त्र को एक नयी दिशा दी। अलग झारखंड राज्य के निर्माण के पहल से लेकर झारखंड के सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक जागरण में भी डॉ. करमा का अद्भुत योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन के अंतिम क्षण तक जिस प्रकार डॉ.उरांव झारखंड के प्रति समर्पित रहे उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

सीएनटी एक्ट के मामले में थे बेहद संवेदनशील

तिर्की ने कहा कि डॉ करमा उरांव ने अपनी प्रत्येक भूमिका का निर्वहन पूरी ईमानदारी, सतर्कता और सावधानी के साथ किया। उन्होंने न केवल झारखंड के आदिवासियों की आवाज को बुलंद किया बल्कि मूलवासी, सदान और झारखंड के हर एक व्यक्ति की आवाज को पूरी दुनिया में एक अद्भुत पहचान दी। विशेष रूप से सरना धर्म कोड, झारखंड के सांस्कृतिक उन्नयन, झारखंड के ज़मीनी मामले विशेषकर सीएनटी एक्ट के मामले में वे बेहद संवेदनशील थे। इस संबंध में उन्होंने मुखरता से अपनी बातों को सभी के सामने रखते थे। तिर्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉ. उरांव ने अनेक शैक्षणिक अधिवेशनों में झारखंड के शिक्षाविद के रुप में भाग लिया और हर जगह उन्होंने झारखंड की गहरी छाप छोड़ी।

शैक्षणिक उपलब्धि के बलबूते कोई व्यक्ति दे सकता है अद्भुत योगदान

इस अवसर पर मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि डॉ. करमा उरांव का जीवन एवं कर्म हमें इस बात की प्रेरणा देता रहेगा कि शैक्षणिक उपलब्धि के बलबूते कोई भी व्यक्ति ना केवल अतुलनीय प्रदर्शन कर सकता है बल्कि अपने प्रदेश एवं समाज के लिए अपना अद्भुत योगदान दे सकता है। श्रद्धांजलि सभा में शिवा कच्छप, पूर्व मुखिया सुनील तिर्की, पूर्व पार्षद सुनील टोप्पो, पूर्व मुखिया संजय तिर्की, समाजसेवी एलविन लकड़ा, मो. मुन्तज़िर खान, वार्ड सदस्य ललित उरांव, मद्रा पाहन, गुड्डू उरांव, मनोज बांड़ो, शिबू तिर्की, कोयली उरांव, सती तिर्की,मंगरी उरांव सहित अन्य अनेक लोग उपस्थित थे।

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