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मणिपुर में आदिवासियों के घर-दुकानों को जलाना चिंताजनक, हिंसा को केंद्र सरकार करे नियंत्रित- बंधु तिर्की

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द फॉलोअप डेस्क

मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने केंद्र सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में आदिवासियों एवं गैर आदिवासियों के बीच जारी हिंसा को नियंत्रित करना केंद्र सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि न केवल मणिपुर बल्कि संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत में आदिवासियों के साथ ही सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। तिर्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। जिसमें उन्होंने कहा कि  हिंसा की ताजा घटनाएं इस बात के प्रति आशंका उत्पन्न करती है कि कहीं फिर से पूर्वोत्तर को दंगे एवं सांप्रदायिक उन्माद की चपेट में डालने की साज़िश तो नहीं की जा रही है।

चिंताजनक और निराश करने वाली है तस्वीरें- तिर्की

इस दौरान तिर्की ने कहा कि सोशल मीडिया पर मणिपुर की जैसी तस्वीरें सामने आ रही है वह बहुत अधिक चिंताजनक और निराश करने वाली है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों-हजारों वर्षों से बसे आदिवासियों के घरों को न केवल तोड़ा जा रहा है बल्कि उनकी दुकानों को भी जलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के एक निर्णय के बाद स्थानीय आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़की है, जो सीधे-सीधे मणिपुर सरकार की असफलता है। तिर्की ने कहा कि जैसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है वह बेहद अफ़सोस जनक है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (ATSUM) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया। जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए। जिस वजह से  पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई। हालांकि, मणिपुर के आठ जिलों में कल से कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अगले पांच दिन तक सस्पेंड कर दी गई है।

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