द फॉलोअप डेस्कः
विगत 10 अक्टूबर 2022 को लातेहार जिला में टाना भगतों द्वारा कचहरी परिसर में तकरीबन 400 की संख्या में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धरना दिया जा रहा था। इसी बीच प्रशासन ने बर्बतापूर्वक लाठी बरसाया। जिसमें 40 टाना भगतों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें राज्य के विभिन्न जेलों में रखा गया है , ये बात झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने आज कांग्रेस कार्यालय कही। आगे उन्होंने कहा कि 200 नामजद और 300 अज्ञात अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। क्या यह टाना भगत कोई क्रिमिनल हैं, हत्यारे हैं या उग्रवादी हैं? टाना भगत का इतिहास रहा है वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ देश की आजादी में अपनी महत्ती भूमिका निभायी है। ये हमेशा शांतिपूर्वक और अहिंसात्मक आंदोलन के पक्षधर रहे हैं। बता दें कि इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, महासचिव सह प्रवक्ता राकेश सिन्हा उपस्थित थे।
गलत दिशा में ले जाया गया आंदोलन
आगे बंधु तिर्की ने कहा कि इस आंदोलन को बहुत सोची समझी साजिश के तहत गलत दिशा में ले जाया गया। एक चाल के तहत आदोंलन करने वाले अगुवाओं को जेल में डालने की पूरी साजिश रची गई है, जिससे वे तुबैर, बनरर्दी, चकला, बालूमाथ जहां कोयला खदान है। वहां बेरोक टोक खनन कार्य करने का षडयंत्र रचा गया। उन्हें जेल में डाल कर उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा हैं जो घटना स्थल पर नहीं थे उनका भी नाम अभियुक्तों में शामिल कर दिया गया है। घटना के एक सप्ताह के भीतर ही माईनिंग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। आज इन गांव में एक भी सामाजिक अगुवा नहीं बचे हैं। जेल में बन्द टाना भगतों से मिलने से लोग कतरा रहे हैं। टाना भगतों के साथ इस तरह बर्बतापूर्वक कार्रवाई किया जाना चिंतनीय है। आखिर कौन लोग थे जिन्होंने टाना भगतों को उकसाया इसकी जांच होनी चाहिए। इसके लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से भी बातचीत किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो एक प्रतिनिधिमंडल महामहिम राष्ट्रपति से मिलकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया जायगा। कोल माइनिंग भारत सरकार के संरक्षण में हो रहा है। यह भी सोचने समझने की बात है।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N