प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह राजघाट पर महात्मा गांधी और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद PM ने वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को नमन किया।
कनाडा(Canada) के टोरंटो(Toranto) में भारत(Bharat) के महावाणिज्य दूतावास ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षति पहुंचाने की जानकारी दी है। दूतावास ने घटना को लेकर ट्वीट(Tweet) किया है। ट्वीट करते हुए दूतावास ने कहा कि हम रिचमंड हिल के विष
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सर्वोदय आश्रम (तिरिल, धुर्वा) स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित की। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई
कालीचरण महाराज के बाद अब एक और संत ने महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। तरुण मुरारी बापू नाम के संत ने महात्मा गांधी को देशद्रोही कहा। तरुण मुरारी बापू ने कहा कि गांधी ने देश को विभाजित किया। वो एक देशद्रोही थे। गौरतलब है कि तरुण मुरारी बापू
अंबेडकर अपने पूरे जीवन में कठोर दिखते हैं। इस कठोरता को समझना और परिभाषित करना आसान है। जिस समाज ने उन्हें जो कठोरता दी उन्होंने ज्यों की त्यों लौटा दी। गांधीजी की तरह डॉ आंबेडकर ने भी कई सत्याग्रह किये। इस तरह कहा जा सकता है कि दोनों ही सत्याग्रही थे।
दिक्कत धर्म में नहीं, धर्मों में बढ़ते कट्टरपंथ की वजह से है। उसके राजनीतिक इस्तेमाल की वजह से है।
भारत का यह किसान आंदोलन राष्ट्रीय पर्व की तरह याद रखा जाएगा। वह अवाम के एक प्रतिनिधि अंश का आजादी के बाद सबसे बड़ा जनघोष हुआ है।
गांधी ने कहा-भारत का विभाजन दो सार्वभौम इलाकों का विभाजन है। मूल भारत को दो राष्ट्र क्यों समझा जाए।
यह बात धीरे-धीरे दुनिया में गहराती जा रही है।
बस यही वह बिंदु था जो कुछ संकीर्ण विचारकों को पसंद नहीं आया।
संसार में केवल गांधी बोले थे कि वे रोज़ अपने को सुधारते हैं। पीढ़ियां और इतिहासकार उनकी आखिरी बात को सच मानें।
रवीन्द्रनाथ टैगोर, विवेकानंद, गांधी और भगतसिंह वगैरह आपस में बौद्धिक जिरह नहीं कर पाए।