झारखंड में खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और संरक्षण देने का वादा तो वर्षों से किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत स्याह है। यहां कभी कोई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी ईंट भट्टे पर मजदूरी करता नजर आता है तो कभी कोई खिलाड़ी चाय या अंडे की दुकान में काम करता दिखता है। ताजा