मधुबनी:
चांद हर बच्चे के लिए कभी प्यारा सा मामा है, तो कभी ऐसा घर जहां दादी अम्मा रहती हैं जो दूध-कटोरी लाएंगी। चांद को लेकर अगर कवियों ने कविताएं लिखी हैं, तो लेखकों ने कहानियां। लेकिन किसी बच्चे का ही घर चांद पर हो जाए तो उसकी खुशी का क्या कहना। यह कोई कहानी नहीं, सच्ची घटना है। झंझारपुर के आरएस बाजार इलाके में रहने वाली महज 10 साल की आस्था के लिए उसके मां-पिता ने चांद पर जमीन खरीद दी है। डॉक्टर सुरविन्दु झा और डॉक्टर सुधा झा ने यह तोहफा पांचवीं की छात्रा बिटिया आस्था को उसके दसवें जन्मदिन पर दिया है। आस्था भी बड़ी होकर डाॅक्टर बनना चाहती हैं।
झंझारपुर में निजी नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर सुरविन्दु झा का कहना है कि आस्था भारद्वाज उनके खानदान की पहली बेटी है। उनके खानदान में करीब सात पीढ़ियों से बेटी का जन्म नहीं हुआ था। हमारी सात पीढ़ियां बेटी की किलकारी के लिए तरस गयी थीं। इसलिए जब उनके घर में आस्था का जन्म हुआ तो परिवार काफी खुश है। इसलिए इस खुशी को खास बनाने के लिए हमने बेटी के नाम से चांद पर एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई है।
सुरविन्दु झा बताते हैं कि चांद पर जमीन खरीदने की प्रक्रिया पूरी होने में उन्हें करीब डेढ़ वर्ष का वक्त लगा। इसके लिए सबसे पहले जानकारिया इकठा करनी शुरू की। उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित लूना सोसायटी की वेबसाइट पर आवेदन किया। तमाम तरह की कागजी प्रक्रिया पूरी करने और जमीन की कीमत और रजिस्ट्री के पैसे पेपाल एप से भुगतान करवाने के बाद 27 जनवरी को 2022 को स्पीड पोस्ट से उन्हें चांद पर जमीन रजिस्टर्ड कराने का पेपर मिला।