द फॉलोअप टीम, बहराइच :
यूपी के बहराइच में यूपी सरकार महाराजा सुहेलदेव का स्मारक बनाने जा रही है। मंगलवार को स्मारक की आधारशिला रखी गई और भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। पीएम मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रत्यक्ष तौर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। इस खबर के बाद से लोगों के मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि महाराजा सुहेलदेव कौन थे। क्या वजह है कि यूपी सरकार उनका स्मारक बनवाने जा रही है।
अर्ध-पैराणिक राजा हैं महाराजा सुहेलदेव!
महाराजा सुहेलदेव को इतिहासकार एक अर्ध पैराणिक राजा बताते हैं। पैराणिक कथाओं के अलग-अलग संस्करण में इन्हें सकरदेव, सुहीरध्वज, सुहरीदिल, सुहरीदलध्वज, रायसुरिदेव, सुसज और सुहारदल जैसे नामों से भी संबोधित किया गया है। उल्लेख मिलता है कि महाराजा सुहेलदेव 11वीं सदी में श्रावस्ती के शासक हुआ करते थे।
महमूद गजनवी के भतीजे को हराया था
कहा जाता है कि जब अफगानिस्तान स्थित गजनी के शासक महमूद गजनवी ने भारत में आक्रमण किया था तो महाराजा सुहेलदेव ने ही श्रावस्ती से आगे बढ़ने से उसे रोका था। उस समय महमूद गजनवी के भांजे सैयद सालार महमूद ने पहले सिंध नदी को पार किया। इसके बाद उसने पश्चिमी सीमा से आगे पढ़ते हुए तात्कालीन हिंदुस्तान के कई हिस्सों पर कब्जा जमा लिया। इन राज्यों को जीतते हुए जब वो बहराइच की तरफ बढ़ा तो उसका सामना महाराजा सुहेलदेव से हुआ।
फारसी भाषा की इस रचना में मिला जिक्र
महाराजा सुहेलदेव की अगुवाई वाली श्रावस्ती की सेना ने गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद को कड़ी टक्कर दी। सेना ने गजनवी की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। कई कथाओं में जिक्र मिलता है कि महाराजा सुहेलदेव ने अपने पराक्रम से महमूद गजनवी के भांजे को करारी शिकस्त दी। इसकी वजह से उसका विजय अभियान थम गया। 17वीं सदी में फारसी भाषा में लिखी गई मिरात-ए मसूदी में इस वाकये का जिक्र मिलता है
राजनीतिक लाभ लेना चाहती है बीजेपी
इस वक्त यूपी की गई जातियां अपना संबंध महाराजा सुहेलदेव से अपना संबंध बताती है। स्थानीय लोगों में महाराजा सुहेलदेव के प्रति काफी सम्मान है। यही वजह है कि तमाम राजनीतिक पार्टियां इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। कुछ लोग कहते हैं कि महाराजा सुहेलदेव का पूरा नाम सुहेलदेव राजभर था। राजभर समुदाय इसलिए महाराजा सुहेलदेव पर अपना दावा जताता है। वहीं दूसरी तरफ पासी समुदाय भी अपना संबंध महाराजा सुहेलदेव से अपना संबंध बताता है। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ लेना चाहती है।