द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मिहिजाम के मुर्गाटोना में बाबा तिलका मांझी की 275वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, उन्होंने सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि तिलका मांझी भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी समाज के हितों के लिए संघर्ष किया। जब अंग्रेजों ने आदिवासियों पर नील की खेती का दबाव डाला, तो तिलका मांझी ने इसका विरोध किया, जो एक बड़े आंदोलन में बदल गया। मंत्री ने बताया कि अंग्रेजों ने तिलका मांझी को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटे। आखिरकार, अंग्रेजों ने उन्हें पकड़कर फांसी दे दी। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज उनके बलिदान को सम्मान के साथ मनाता है और उनके संघर्ष के परिणामस्वरूप अब आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि हेमंत सोरेन की सरकार आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। उन्होंने आदिवासी समाज के साथ मिलकर भाजपा को राज्य से बाहर किया और कहा कि अब सरकार आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।डॉ. इरफान अंसारी ने जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद किया और कहा कि यह उनका समर्थन है जो लगातार तीसरी बार उन्हें जीत दिला रहा है। उन्होंने क्षेत्र के लिए एक सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की और एक बड़ी सड़क बनाने का वादा किया। मंत्री ने जनता से अपील की कि वे जात-पात के झगड़ों से बचें और एकजुट होकर विकास की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समाज के सम्मान और अधिकार की रक्षा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।