द फॉलोअप टीम, चाईबासा:
प्लास्टिक हमारे वातावरण के लिए बेहद खतरनाक है। लोगों के अथक प्रयास के बाद भी प्लास्टिक पर रोक नहीं लग पा रही है। लेकिन अगर आप छोटे-छोटे प्रयास भी करें तो धरती पर हरियाली छा सकती है। चाईबासा के तरुण गोगोई की ऐसी ही कोशिश प्रेरणा बनकर सामने आ रही है। तरुण एक शिक्षक हैं और वह पर्यावरण को लेकर एक नई पहल कर रहें हैं। राजाबास गांव के तरुण ने बेकार हो चुके हजारों पानी की बोतलों को काट कर टपक विधि से पौधों को पानी देने का नया तरीका निकाल लिया है।
पौधों का हो रहा विकास
इस विधि से पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी मिल रहा है। लगातार पानी मिलने से पौधों का काफी तेजी विकास हो रहा है। तरुण गोगोई कहते हैं, लोग बोतल फेंक देते हैं। प्लास्टिक का बोतल गलता भी नहीं है। इससे धरती को काफी नुकसान होता है। इसलिए हमने बेकार प्लास्टिक की बोतल को जमा किया और उसके पेंदे को काटकर अलग कर दिए। फिर उसे उल्टा करके ढक्कन को खोल दिया। एक बोतल में सुबह पानी डालने पर दिन भर बूंद-बूंद के हिसाब से पानी गिरता है। पौधे के सामने एक लकड़ी को लगाकर उससे बोतल बांध देते हैं।
2 हजार पौधे को पानी मिल रहा
तरुण के अनुसार पौधों में एक बार पानी डालने से कुछ देर में सब सोख लेता है। लेकिन बूंद बूंद पानी डलते रहने से पौधों का विकास तेजी से होता है। वहीं, पानी की बर्बाद नहीं होता है। तरुण गोगोई ने सहजन का 2 हजार पौधा लगाकर टपक विधि से बोतल बांध दिए हैं। जिससे पौधे अच्छी तरह से बढ़ आरहे हैं।