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कोरोना इफेक्‍ट: पर्यटकों के झारखंड में नहीं पहुंचने से सरकार को करीब 3 करोड़ का घाटा

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द फॉलोअप टीम, रांची
दिसंबर आते ही गुलाबी सर्दी में गुनगुनी धूप लेने लोग बाग-बगीचे, झरने-झील समेत टूरिस्ट प्लेसेस पर पहुंचने लगते हैं। यह सिलसिला नए साल के स्वागत जनवरी तक गुलजार रहता है। झारखंड में भी कोरोना की दहशत से थोड़ी निजात के लिए अनलॉक ने लोगों को राहत दी है। जिसका आनंद लोग परिवार के साथ शहर के आसपास के प्रपात और झील पहुंच उठा रहे हैं। हालांकि सरकार ने अभी किसी सभी पर्यटक स्थल को खोला नहीं है, मन जरूर मना लिया है। जबकि दुनिया के कई देश टूरिस्ट प्लेसेस को खोलने लगे हैं। वहां की सरकार उसके लिए नए क़ायदे-कानून बना रही है। पर्यटकों से उसका पालन करवा रही है। लेकिल झारखंड में ऐसा नहीं होने से सबसे अधिक नुकसान राजस्‍व का हो रहा है। पर्यटन विभाग के 43 होटल लगभग बंद हैं। बाहर से कोई पर्यटक आ ही नहीं रहे कि उनके रुकने की जुगत बने।

पर्यटन विभाग के 43 होटलों में से 30 ठेके पर होते हैं संचालित
झारखंड में पर्यटन विभाग के होटलों व्यवसाय से इस बार करोड़ों का नुकासन हुआ है। झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) के आंकडो के अनुसार राज्य में सिर्फ होटलों से पिछले वर्ष मार्च से सितंबर तक की तुलना में 2.5 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान राज्य सरकार को हुआ है। पिछले वर्ष मार्च से सितंबर तक जेटीडीसी द्वारा संचालित होनेवाले 43 होटलों से 2.5 करोड़ रुपए के राजस्व का लाभ हुआ था। यही नहीं इस वर्ष रांची के फॉल से होनेवाली कमाई का भी नुकसान हुआ है।



रांची के फॉल से 20 लाख से अधिक का नुकसान
पिछले साल इसी काल में 20 लाख रुपए से अधिक कमाई जेटीडीसी ने की थी। पांच फॉल जोन्हा जलप्रपात, हुंडरु फॉल, सीता फॉल, पंचघाघ और हिरनी जलप्रपात जेटीडीसी के तहत पार्किंग और टिकटों की बिक्री से इतनी आमदनी होती थी। इस साल अभी तक 20 लाख का सीधा नुकसान हुआ है।

12 लाख मासिक खर्च अलग
पर्यटन विभाग इन होटलों के संचालन के लिए कर्मचारियों के वेतन आदि पर करीब 12 लाख रुपए खर्च होते हैं। कोरोना काल में आमदनी नहीं हुई, लेकिन प्रत्येक माह 12 लाख रुपए कर्मचारियों के वेतन मद पर खर्च हुए। इस दौरान जेटीडीसी ने एक भी कर्मचारी को कम नहीं किया।

राज्य में कितने हैं प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट
झारखंड में 66 जल प्रपात, 21 डैम झील, 20 गर्म जलकुंड, 24 प्रमुख अभ्यारण्य व पार्क-बाग़, 12 जैविक उद्यान, 23 गढ़-किला, 16 प्रमुख धार्मिक स्थल पर्यटक को मोहित करते रहे हैं।

5 साल में झारखंड आए 1.76 लाख विदेशी सैलानी
भारत में 1.4 करोड़ विदेशी पर्यटक 2017 में आए थे जबकि 2014 में यही आँकड़ा 76.8 लाख था। इस लिहाज से भारत में पर्यटन के मोर्चे पर 14 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। वहीं 2019 में तत्कालीन पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी ने बताया था कि पिछले साढ़े चार साल में झारखंड आनेवाले पर्यटकों की संख्या में दुगुना इज़ाफ़ा हुआ। कुल पर्यटक 3.54 लाख तक आए। जिसमें विदेशी सैलानियों की संख्या लगभग 1.76 लाख है।