logo

दो मिनी ट्रकों में भरकर ले जाए गए राष्ट्रपति भवन तक दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाले पत्रों के गट्ठर

3570news.jpg
द फॉलोअप टीम, दिल्‍ली:
किसानों का मामला अब राष्ट्रपति भवन पहुंच गया है। इसका सबब बना है, दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाले पत्रों का गट्ठर। इसे राष्ट्रपति को सौंपा गया है। जिसमें नए कृषि कानूनों के कारण उत्‍पन्‍न किसानों की समस्‍याओं के समाधान की गुजारिश की गई है। इसके लिए सीधे-सीधे क़ानून को रद्द करने का आग्रह किया गया है। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, 'हम किसानों की आवाज़ राष्ट्रपति तक ले गए हैं। सर्दी का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दुख में है, दर्द में है और मर रहा है। पीएम को सुनना पड़ेगा। मैं एडवांस में बोल देता हूं। मैंने कोरोना पर बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। आज फिर बोल रहा हूं कि किसान और मजदूर के सामने कोई ताक़त नहीं चलेगी। इससे बीजेपी आरएसएस नहीं, देश को नुकसान होने जा रहा है।'

राष्ट्रपति को सौंपे गए पत्र, कानून रद्द करने का आग्रह
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति को लगभग दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाले पत्रों के गट्ठर सौंपे। उनके साथ राज्य सभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आज़ाद और लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल थे। राहुल गांधी ने कहा कि यह किसान विरोधी कानून है। इससे किसान और मजूदरों को जबर्दस्त नुकसान होने वाला है।

नहीं करने दिया मार्च किया गिरफ़्तार
विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस नेता सुबह मार्च करने वाले थे। लेकिन नए कृषि क़ानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रपति भवन तक मार्च को दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ़ रोक दिया बल्कि प्रियंका गांधी समेत तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी कर लिया। कांग्रेस ने मांग की है कि संसद का संयुक्‍त सत्र बुलाकर सरकार कानून को वापस ले।