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जाते-जाते बोल गयीं द्रोपदी मुर्मू, सीएनटी और एसपीटी एक्ट की मूल भावना के साथ ना हो छेड़छाड़

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड में आदिवासियों के लिए सीएनटी और एसपीटी एक्ट प्राणवायु के समान माना जाता रहा है। विकास के नाम पर सरकार इसके साथ छेड़छाड़ करती रही है। इसमें संधोधन तक के प्रयास हुए। अब झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू राज्य से जाते-जाते बोल गयीं है कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें संधोधन की संभावना है। दोनों कानून आदिवासी हितों की रक्षा के लिए ही बनाए गए हैं। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू सोमवार को अपने पैतृक घर ओड़िशा के लिए रवाना हो जाएंगी। विदाई से पहले उन्होंने शनिवार को पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत की। उन्होंने अपने छह साल के कार्यकाल को संतोषजनक बताया और झारखंड के लोगों के प्रति आभार जताया। 



झारखंड के लोग बहुत सीधे-सरल
राज्यडपाल ने कहा कि झारखंड के लोग बहुत सीधे-सरल हैं। झारखंड और ओड़िशा की संस्कृति में बहुत अधिक अंतर नहीं है। कहा कि दादी के चाईबासा की होने के कारण झारखंड से उनका पुराना नाता रहा है। ओड़िशा के उनके गांव से झारखंड का जमशेदपुर काफी निकट है जबकि ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर बहुत दूर है।

आदिवासियों की घटती जनसंख्या पर चिंता जतायी
मीडिया से संवाद में टीएसी सदस्यों के मनोनयन के अधिकार का भी मामला उठा। इसे राज्यपाल की बजाय मुख्यमंत्री को दिए जाने पर द्रोपदी मुर्मू का कहना रहा कि उन्हें फाइल देर से मिली थी। अब नए राज्यपाल मामले को देखेंगे। कहा कि राज्य में आदिवासियों की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा। आदिवासी बच्चे पढ़ेंगे तभी अपने अधिकार को समझेंगे। 



शहर में रहने की कभी चाहत नहीं हुई 
द्रोपदी मुर्मू ने छह वर्ष तक झारखंड की सेवा करने के मिले अवसर के लिए आभार व्यक्त किया। सरकार की तुलना पर कहा कि सभी सरकारों का लक्ष्य राज्य का विकास करना होता है। सिर्फ इनके काम करने का तरीका अलग-अलग होता है। कहा कि वो अपने गांव मयूरभंज के रायरंगपुर में जाकर ही रहना पसंद करेंगी। शहर में रहने की कभी चाहत नहीं हुई, न ही शहरी इलाके में कभी घर ही बनाया।

अब रमेश बैस होंगे झारखंड के दसवें राज्यपाल
मूलत: छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी रमेश बैस झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। वो 13 जुलाई को रांची पहंुचेंगे और 14 जुलाई को राज्यपाल पद की शपथ लेंगे, ऐसी खबर मिल रही है। वह सात बार सांसद रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन त्रिपुरा के राज्यपाल बनाए गए। अब रमेश बैस झारखंड के दसवें राज्यपाल होंगे। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव द्रौपदी मुर्मू को हासिल हुआ। 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था।