सोशल मीडिया पर 18 अक्टूबर 2020 को एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। जिसमें 34वें राष्ट्रीय खेल में पदक विजेता रही कराटे की नेशनल खिलाड़ी बिमला मुंडा अपने घर के आँगन में हड़िया (शराब) बेचते और एक चादर पर अपने सर्टिफिकेट को पसार कर देखते हुए नजर आ रही थी। दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने भी उसे ट्वीट कर दिया था। उसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर रांची डीसी को खेल विभाग के साथ सामंजस्य बैठाकर बिमला मुंडा को मदद करने का निर्देश दिया था। वहीं दूसरे दिन 19 अक्टूबर को सीएम ने प्रोजेक्ट मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा करते हुए कहा कि वह एक महीने के अंदर बिमला मुंडा सहित 40 खिलाड़ियों को नौकरी देंगे।
29 दिसंबर को मिली सिर्फ एक खिलाड़ी को नौकरी
झारखण्ड सरकार ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करने पर 29 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें खूंटी की हॉकी खिलाड़ी बिरसी मुंडू को ग श्रेणी की नौकरी दी गई। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी उपलब्धि में खिलाड़ियों को दी जाने वाली नौकरी का जिक्र किया था और कहा था कि 40 खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी। लेकिन आज 2 फ़रवरी 2021 तक बिरसी मुंडू के अलावे 39 खिलाड़ी कौन हैं ये किसी को पता नहीं। न विभाग के तरफ से अबतक इसकी घोषणा हुई और न ही सरकार की ओर से इस मसले पर कुछ बताया जा रहा है।
नौकरी नहीं मिलने से उम्मीदें टूट रही हैंं: बिमला मुंडा
रांची के पतरागोंदा की रहने वाली कराटे की नेशनल खिलाड़ी बिमला मुंडा की हिम्मत अब जवाब दे रही है। बिमला ने द फॉलोअप को बताया कि जब हड़िया बेचते उसका वीडियो वायरल हुआ और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नौकरी की घोषणा की तो बहुत उम्मीद जगी थी लेकिन उस ट्वीट के बाद कोई घर नहीं आया। सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर सरकार ने एक लाख का अनुदान जरूर दिया लेकिन नौकरी नहीं मिली। बिमला बताती है अब तो स्थिति यह हो गई है कि ठण्ड में हड़िया भी नहीं बिक रहा है जिससे घर की स्थिति भी ख़राब हो रही है.
सरकार सिर्फ बोल रही है नौकरी मिल कहाँ रही है: बिमला मुंडा की माँ
कराटे की खिलाड़ी बिमला मुंडा की माँ सुमरी मुंडा ने बताया कि अख़बार में सिर्फ बेटी को नौकरी देने की खबर छपती है, लेकिन मिलती नहीं। बात करते-करते रुआंसी हो गई सुमरी मुंडा कहती हैं बिमला मेरी सबसे बड़ी बेटी है। अब शादी की भी चिंता हो रही है। इधर एक साल से नौकरी की बात कही जा रही है लेकिन मिल नहीं रही। परिवार के जीने का जो मूल आधार हड़िया बेचना ही था लेकिन जबसे टीवी में हड़िया बेचने का फोटो आ गया है तबसे बिक्री भी कम हो गई और कोई पीने भी नहीं आता।
यह स्थिति सिर्फ बिमला और उसके परिवार की नहीं बल्कि 39 खिलाड़ियों की है
झारखण्ड में फ़िलहाल यह स्थिति बिमला मुंडा की नहीं है बल्कि उन सभी खिलाड़ियों की है जो सीधी नियुक्ति के इंतजार में हैं। खिलाड़ी हर दिन विभाग से लेकर सरकार के दरबार तक दौड़ लगाते हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता कि आखिर 39 में किन-किन खिलाड़ियों का नाम है।
40 खिलाडियों की एक लिस्ट व्हाट्सएप में घूम रही है
झारखण्ड सरकार के एक वर्ष पूरे होने के बाद से ही व्हाट्सएप पर विभाग के पत्र के साथ 40 खिलाड़ियों की एक सूची घूम रही है लेकिन उसकी पुष्टि किसी ने नहीं की है कि इन्ही खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। इन खिलाड़ियों के नाम कई बार अख़बार में भी छाप चुके हैं। जो नाम छपे हैं उसमें बिमला मुंडा और सरिता तिर्की का भी नाम शामिल है।
जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे: खेल निदेशक
खिलाड़ियों को निदेशालय के तरफ से यही बताया गया कि सारी प्रक्रिया पूरी करने सरकार के पास लिस्ट भेज दी गई है। अब अंतिम मुहर सरकार को लगानी है। इधर, जब फॉलोअप ने खेल निदेशक जीशान कमर से बात की तो उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की अगुवाई वाली कमेटी ने 40 खिलाड़ियों की सूची तैयार कर सरकार को भेज दी है। प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जल्द ही सभी को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।