द फॉलोअप टीम, धनबादः
धनबाद के निरसा के मंझलाडीह गांव में एक साथ तीन परिवारों का बहिष्कार कर दिया है। बहिष्कार करने के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि दो युवकों ने ग्राम देवता की पूजा करने से मना कर दिया है। ग्रामीणों ने तीन परिवारों का दाना-पानी बंद कर उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया है।
गांव वालों ने बनाया था दबाव
दरअसल दो लोगों पर गांव वालों ने जबरन पुजारी (नायकी) बनने का दबाव बनाया है। दोनों ने पुजारी बनने से मना किया है। गांव के ही एक अन्य व्यक्ति ने दोनों का सपोर्ट किया तो उनके परिवार का भी सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। मामले की शिकायत सोमवार को एमपीएल ओपी की पुलिस से की गई है।
पूजा कराने नहीं आता है
गांव के राजेंद्र किस्कू ने पुलिस को बताया कि उन्हें जबरदस्ती नायकी (प्रथम पुजारी) बना दिया, जबकि रामलाल मुर्मू को कोडम नायकी यानी दूसरा पुजारी बनाया गया। जबकि उन्हें पूजा करनी नहीं आती है। इसलिए वे लोग पुजारी नहीं बनना चाहते हैं। इस पर गांव के लोग भड़क गए है।
पुराने पुजारी से पूजा नहीं कराना चाहते
गांव वाले पुराने पुजारी से पूजा नहीं कराना चाहते हैं। राजेंद्र किस्कू ने बताया कि पुराने पुजारी या उनके वंशज ही पूजा करा सकते हैं। यह आदिवासी समाज की परंपरा है। गांव के ही शत्रुघ्न हेम्ब्रम ने उनका और रामलाल मुर्मू की बातों का समर्थन किया तो गांव वालों ने उनके परिवार का भी बहिष्कार कर दिया।