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महामारी में अनाथ होने वाले बच्चों को मिलेगी फ्री शिक्षा और फ्री हेल्थ बीमा, पीएम मोदी ने किया एलान

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भारत में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई परिवारों में दंपत्ति की मौत हो गई। इसका मतलब कि उसे परिवार में पति और पत्नी दोनों की मौत हो चुकी है। उनके बच्चे अनाथ हो गए। सबसे बड़ा सवाल यही था कि महामारी थम भी जाएगी तो इन बच्चों का क्या होगा। इनकी शिक्षा और भविष्य का क्या होगा। अब केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना की वजह से अनाथ होने वाले बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है। 

मुफ्त शिक्षा और फ्री हेल्थ बीमा का लाभ मिलेगा
शनिवार को केंद्र सरकार ने एलान किया है कि कोरोना महामारी में अनाथ हो गए बच्चों के लिए सरकार मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, बीमा सहित कई अन्य सुविधाओं का इंतजाम करेगी। केंद्र सरकार ने इसे पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना नाम दिया है। योजना के मुताबिक कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी। ऐसे बच्चों को 18 साल की आयु तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। 18 साल की आयु के बाद जो बच्चा उच्च शिक्षा हासिल करना चाहेगा उसे लोन दिलाने में सहायता की जाएगी। इस लोन के ब्याज का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। 

अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मिलेगा लोन
कोरोना में अनाथ हो जाने वाले बच्चों को 18 साल की आयु तक पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जायेगा। इसके प्रीमियम का बुगतान पीएम केयर्स फंड के माध्यम से किया जायेगा। अनाथ होने वाले बच्चों को 23 वर्ष का होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये मिलेंगे ताकि वो उच्च शिक्षा या रोजगार जो भी चाहे उस दिशा में आगे बढ़ सके। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी। 

सुप्रीम कोर्ट ने अनाथ बच्चों की देखभाल का निर्देश दिया
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने भारत में व्यापक पैमाने पर तबाही मचाई। फरवरी से  शुरू हुई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब तक जारी है। मार्च और अप्रैल में दूसरी लहर ने सर्वाधिक तबाही मचाई। आलम ये था कि 1 दिन में 4 लाख से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे थे। रोजाना तकरीबन पांच हजार लोगों की मौत हो रही थी। इस महामारी में कई परिवार वैसे थे जिसमें कोई भी अभिभावक नहीं बचा। सैकड़ो की संख्या में बच्चे अनाथ हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जताते हुए राज्यों को निर्देश दिया था कि बच्चों की मुफ्त शिक्षा और देखभाल की व्यवस्था की जाये। दिल्ली, झारखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने उपाय किए भी हैं।