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कैसे थमेगा कोरोना! महाराष्ट्र से हटिया पहुंची ट्रेन में मिले 41 कोरोना मरीज, प्रशासन ने उन्हें घर जाने दिया

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द फॉलोअप टीम, रांची: 


राजधानी रांची में जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से कोरोना के हालात और भी बदतर हो सकते हैं। राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों का कोरोना जांच किया जा रहा है। यदि कोई मरीज पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका क्या करना है, जिला प्रशासन को मालूम नहीं। जांच के बाद उन्हें यूं ही छोड़ दिया जा रहा है। आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा। छोड़ दिये गये लोग कितने और लोगों को संक्रमित करेंगे। 

हटिया स्टेशन में हुई थी कोविड की जांच
ताजा मामला राजधानी रांची के समीप हटिया स्टेशन का है। महाराष्ट्र से आने वाली एक स्पेशल ट्रेन सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर हटिया स्टेशन पहुंची। सरकारी आंकड़ों की मानें तो ट्रेन से 1 हजार 41 प्रवासी श्रमिक आये। सभी का स्टेशन में रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया। 41 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हैरानी की बात है कि इनमें से किसी को भी रोका नहीं किया गया। पॉजिटिव मरीजों को ना तो आइसोलेट किया गया औऱ ना ही किसी हॉस्पिटल में एडमिड करवाया गया।

सभी लोगों को यूं ही जाने दिया गया। ये ना केवल पॉजिटिव मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है बल्कि अन्य नागरिकों के साथ भी। स्टेशन से घर जाने तक उन मरीजों के संपर्क में आकर और कितने लोग कोरोना संक्रमित हो जायेंगे इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। 

यात्रियों के लिये नहीं दिया गया है निर्देश
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच के लिये मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गयी है। मजिस्ट्रेट सुरेंद्र उरांव से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि इनके लिये अलग से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था। यही वजह है कि सभी लोगों को जाने दिया गया। महाराष्ट्र से आये ये सभी यात्री अलग-अलग जिलों के थे। सभी अपने-अपने घरों की तरफ रवाना हो गये हैं। स्टेशन से लेकर अपने जिले में घर पहुंचने तक सभी संक्रमित ना जाने कितने लोगों के संपर्क में आयेंगे। ये लोग जिनके संपर्क में आयेंगे, वे ना जाने और कितने लोगों के संपर्क में आयेंगे। ऐसी घोर लापरवाही बरती जायेगी तो कोरोना के खिलाफ जंग कैसे जीतेंगे, ये बड़ा सवाल है। 

पहले भी लापरवाही बरत चुका है प्रशासन
ये पहला मामला नहीं है जब ऐसी लापरवाही बरती गयी हो। बीते रविवार को भी मुंबई से एक ट्रेन आई थी। इस ट्रेन में रांची के 184 यात्री सवार थे। धनबाद में कोरोना जांच के लिये तैयारी पूरी नहीं थी। ट्रेन को निमियाघाट स्टेशन में रोका गया। कहा जाता है कि जांच के डर से 154 यात्री वहीं उतरकर गायब हो गये। वो यात्री कहां गये, इसका कोई पता नहीं है।