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सुविधा : झारखंड में आदिम जनजाति समुदाय के लिए बाइक एम्बुलेंस की सेवा होगी शुरू- बन्ना गुप्ता

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही आपको बाइक एम्बुलेंस देखने को मिल सकता है। छोटी सी छोटी जगह पर स्वास्थ्य व्यवस्था को पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ये पहल की है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। इसके तहत राज्य में बाइक एम्बुलेंस की सुविधाएं आरंभ की जा रही हैं। बन्ना गुप्ता ने बुधवार को बताया कि झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में आदिम जनजाति के लगभग 75 हजार परिवार हैं। ऐसे ग्रामीण इलाकों में संपर्क व्यवस्था सुदृढ़ नहीं रहने के फलस्वरूप आवागमन में काफी कठिनाई होती है।

 


डीसी के निर्देश पर होगा संचालन
बता दें कि विशेष कर गंभीर बीमारियों की स्थिति में या गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कठिनाई होती थी। अब एंबुलेंस के आ जाने से राहत मिलेगी। जिले के उपायुक्त के निर्देश पर इसका संचालन किया जायेगा। प्रत्येक बाइक एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम रहेगा ताकि मॉनिटरिंग हो सके। साथ ही लॉगबुक का भी संचालन किया जायेगा। इसके लिए झारखंड एनएचएम के द्वारा एक ऐप लॉन्च किया जायेगा ताकि इसका राज्यस्तरीय नियंत्रण किया जा सके।

 


हर बाइक एम्बुलेंस पर खर्च होंगे 1 लाख 69 हजार
जीपीएस युक्त बाइक एम्बुलेंस के लिए अनुमादित मूल्य 1,69,000 रुपये निर्धारित किये गये हैं। चालक को 9000 रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जायेगा। ईंधन, खपत सामग्री, वाहन मरम्मत के लिए 5000 रुपये प्रतिमाह, चालक वर्दी के लिए 3000 रुपये (1500×2=3000) का खर्च आयेगा। ये सुविधाएं 2 माह के लिए इसी वित्तीय वर्ष में लागू होंगी। इसको लेकर 24 जिले में राशि आवंटित कर दी गयी हैं। कुल 73670 परिवार हैं जिसके लिए 175 आवंटित बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित होगी। इसमें कुल 3 करोड़ 50 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।