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कांके के मशहूर अस्पताल में दवाएं नहीं, डॉक्टर्स बाहर से लेने को पकड़ा देते हैं पर्ची

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द फॉलोअप टीम, रांची:
कांके अस्पताल देश-दुनिया में किंवदती की तरह मशहूर है। दुनिया-जहां से लोग पागलपन के इलाज के लिए यहां के रिनपास और सीआईपी में इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अब आपकी जेबें भरी हैं, तभी यहां किसी परिजन के इलाज के बारे में सोचें। ओपीडी में सारे मरीजों को दवा मुफ्त में देने का प्रावधान है। लेकिन पिछले एक वर्ष से मरीजों को अधिकतर दवाएं बाहर से लेने को कहा जाता है, ये कहते हुए कि अस्पताल में दवा नहीं है।   

रिनपास में दवा की घोर कमी 
रिनपास और सीआईपी में इलाज कराने कई राज्यों के लोग आते हैं, देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले इस संस्थान का हाल इन दिनों बदहाल है। हर दिन रिनपास में करीब 250 से 300 लोग ओपीडी सेवा का लाभ लेने आते हैं। वहीं करीब 500 मरीज भर्ती हैं। एक मरीज को मात्र 20 रुपये की फी देकर दवा और जांच का लाभ मिलता है। बाहर के डॉक्टरों के लिखी जांच में एक मरीज को अधिक्तम 500 रुपये तक लगते हैं। 

क्या जान बूझकर दवा दुकानदारों को पहुंचाया जा रहा फायदा
रिनपास के सूत्रों की मानें तो अस्पताल दवा का 6 माह का बफर स्टॉक रखता है। लेकिन दवा खरीद का आखरी ऑर्डर 27.06.2020 को दिया गया था। इसके बाद जो दवा पूर्ती का आदेश दिया गया वे 06.02.21 को, जबकि इस दौरान बफर स्टॉक खत्म हो चुका था। 

भुक्तभोगियों का दर्द: यहां की दवा नहीं मिलती है हर जगह
पाकुड़ से आये मुमताज आलम कहते हैं कि मेरे भाई का इलाज पिछले कई माह से चल रहा है। यहां के  डॉक्टर दवा लिखते हैं वो दूसरे मेडिकल स्टोर में नहीं मिलती। सिर्फ इसी अस्पताल के आसपास वाले मेडिकल स्टोर में ही उपलब्ध है। अस्पताल को मुफ्त में दवा देनी है, लेकिन अधिकतर दवा बाहर से लेने को कहा जाता है। पलामू से आये श्रवण ने कहा कि इतनी दूर से आते हैं दवा लेने, एक तो कम दवा अस्पताल से मिलती है, जो दवा मिलती भी है वे भी सिर्फ 15 दिन का अब महीने में दो बार आना पड़ता है, पहले कभी ऐसा नहीं हुआ एक साल से ये परेशानी हो रही है। 

जरूरी दवाएं भी अस्पताल से नदारद
मिर्गी की दवा Tab Carbamazepine 200mg, Oxcarbamazepine 300mg, Leviteracitam 250 और 500mg, Sodium volproate 500mg  लोग बाहर दुकान से खरीद रहे हैं। इनके अलावा Clozapine 100mg, Quetiapine 100mg, Trihexyphenidyl 2mg, Risperidone 1mg और 4mg, Clomipramine 25 mg  दवा भी मरीजों को नहीं मिल रही है।



सरकार ने मरीजों के लिए बढ़ाया बजट
वर्ष 2018-19 में रिनपास के पास दवा मद में 2 करोड़ 75 लाख रुपये सरकार से मिलते थे, लेकिन दवा की अधिक जरूरत को देखते हुए सरकार ने इस 2019-20 में 3.5 करोड़ रुपये कर दिया। रिनपास ने वर्ष 2019- 20 में तीन करोड़ 64 लाख 75 हजार 276 की खरीद की, वहीं लेकिन 2020-2021 में मात्र अबतक 56 लाख दो हजार 857 रूपये की दवा की खरीद की। अब दवा की कमी के चलते लोग परेशान हैं। लेकिन रिनपास मौन है।

रिनपास का पक्ष जानने के लिए कई बार द फॉलोअप की टीम ने निदेशक सुभाष सोरेन को फोन किया, मैसेज भेजा। लेकिन अबतक किसी प्रकार का रिस्पॉन्स  नहीं मिला।