द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
मोदी सरकार के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर एक माह से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को सरकार और 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि के बीच छठवीं बार बातचीत हुई। हालांकि इसके बहुत सार्थक नतीजे निकलते दिख नहीं रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में पांच घंटे तक बातचीत चली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को बताया कि किसानों की चार प्रमुख मांग थी। जिनमें दो पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी सहमति बनना बड़ी बात है। बिजली में पहले की तरह ही सब्सििडी दी जाती रहेगी। दूसरी सहमति परली पर बनी है।
तीनों कानून की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन
दूसरी ओर किसान संगठनों का कहना है कि जबतक कि तीनों कानून सरकार वापस नहीं लेती है, आंदोलन जारी रहेगा। इन दो बातों पर तो सरकार पिछली बैठकों में भी काफी हद तक सहमत दिखती रही है। विज्ञान भवन के बाहर किसान प्रतिनिधि राजेंद्र सिंह बोले कि बिजली बिल और परली की बड़ी समस्यान रही है। समाधान तो होना ही चाहिए।
एमएसपी की लिखित गारंटी देने को तैयार सरकार
मीडिया बंधुओं की मानें तो सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत में एमएसपी पर भी विचार हुआ। सरकार ने इस संबंध में लिखित गारंटी देने को तैयार है।
ये थे चार प्रमुख प्रस्ताव
1 तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि।
2 MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान
3 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020' में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी
4 किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में ज़रूरी बदलाव।