द फॉलोअप टीम, दुमका
दुमका पुलिस ने तीन नवंबर को होनेवाले उपचुनाव में नक्सलियों के धमाके की साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने मंगलवार की सुबह मसलिया प्रखंड के सुपाईडीह जंगल में जमीन में दबाकर रखी गई एक रायफल, दस कारतूस, 50 डेटोनेटर व 79 पीस जेल बरामद किया है। पुलिस ने एसएसबी की 35वीं बटालियन के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान बाधा पहुंचाने के नक्सलियों के नापाक मंसूबे को नाकाम कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने हथियार और गोलाबारूद छिपा रखा है, जिसका उपयोग वे विधानसभा उपचुनाव के दौरान कर सकते हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए दुमका के एसीप अंबर लकड़ा और एसएसबी 35वीं बटालियन के कमांडेंट मनोरंजन कुमार पांडेय के निर्देश पर संयुक्त अभियान चलाने बाद जंगल से टीम को भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारूद और विस्फोटक की बरामदगी हुई है।
चुनाव के मद्देनजर अभियान जारी रहेगा
एसपी अंबर लकड़ा ने पत्रकारों को बताया कि चुनाव के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। चुनाव से पूर्व इस सफलता के बाद भी अभियान जारी रहेगा। वहीं, एसएसबी के द्वितीय कमान अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि नक्सलियों का दस्ता यहां कमजोर पड़ चुका है, जो फिर से उभरने की तैयारी कर रहा है। ऐसी कार्रवाई निरंतर चलती रहेगी।
पूर्व के चुनावों में भी सक्रिय रहे हैं नक्सली
बता दें कि दुमका में 3 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव को लेकर मतदान होना है। यहां के 2009 और 2014 के चुनावों के दौरान नक्सलियों ने बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने चुनाव कराने के बाद लौट रही पोलिंग पार्टी को शिकारीपाड़ा के राजबांध- पलासी में निशाना बनाया था और लैंडमाइन्स विस्फोट कर बस को उड़ा दिया था, जिसमें 5 पुलिसकर्मियों समेत 8 लोगों की जान चली गयी थी। नक्सलियों ने हथियार भी लूट लिया था। वहीं, 2009 के चुनाव में इसी थाना क्षेत्र के चायपानी में नक्सलियों ने बीएसएफ के 2 जवानों की हत्या कर उनके इंसास लूट लिए थे। वहीं, इसी साल काठीकुंड में पोलिंग पार्टी में हमला कर चौकीदार की हत्या कर दी थी।