द फॉलोअप डेस्क
हाल ही में गूगल पे ने UPI के माध्यम से भुगतान करने पर "कन्वीनियंस फीस" वसूलना शुरू कर दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल पे ने एक ग्राहक से बिजली बिल के भुगतान पर 15 रुपये की अतिरिक्त फीस ली। इस ट्रांजैक्शन में क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया गया था। गूगल पे ने इसे "डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस" के रूप में दर्शाया था, जिसमें जीएसटी भी शामिल था।
पेमेंट का लोकप्रिय तरीका है UPI
जानकारी हो कि भारत में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एक बेहद लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट तरीका बन चुका है। रोजाना करोड़ों लोग देश में UPI ट्रांजैक्शन करते हैं। चाहे वह किराना सामान खरीदना हो, मोबाइल रिचार्ज करना हो या फिर किसी अन्य सेवा का भुगतान करना हो। आमतौर पर लोग UPI का ही उपयोग करते हैं। पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए ही ज्यादातर लेन-देन होते हैं। गूगल पे ने शुरू किया पैसा वसूलना
वहीं, अब तक UPI ट्रांजैक्शन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता था। लेकिन गूगल पे ने यह शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मोबाइल रिचार्ज पर पहले ही कुछ कंपनियां अलग-अलग नामों से शुल्क ले रही थीं। अब यह शुल्क अन्य सेवाओं, जैसे बिजली बिल, इंश्योरेंस प्रीमियम, डीटीएच रिचार्ज, टिकट बुकिंग और मेट्रो कार्ड रिचार्ज पर भी लागू हो सकता है।
मालूम हो कि UPI का उपयोग न केवल दुकानों और ऑनलाइन शॉपिंग तक ही सीमित है। बल्कि पेट्रोल-डीजल, मूवी टिकट, गैस बुकिंग और मनी ट्रांसफर जैसी सेवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है। सरकार और बैंकों ने अब तक UPI को मुफ्त रखा था, जिससे डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा मिला था। लेकिन अब कंपनियां प्रोसेसिंग फीस लगा रही हैं, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ सकता है।